कोरिया। जिले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एक बार फिर कटघरे में है। रामानुज प्रताप सिंहदेव शासकीय महाविद्यालय के विज्ञान संकाय भवन की स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं सामने आई हैं। महज पांच वर्ष पूर्व निर्मित इस भवन में जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं, वहीं दीवारों पर हाथ रखते ही प्लास्टर झड़ने की शिकायत भी सामने आई है।
महाविद्यालय परिसर में स्थित विज्ञान संकाय भवन की लगभग हर दीवार में बड़ी-बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं। कई कक्षों की स्थिति इतनी खराब है कि वहां अध्ययनरत छात्रों और कार्यरत स्टाफ की सुरक्षा को लेकर भय का माहौल बना हुआ है। भवन के भीतर छत और दीवारों से गिरते प्लास्टर के टुकड़े किसी भी समय बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। महाविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि यह भवन अभी नया ही माना जाएगा, लेकिन इसकी हालत यह दर्शाती है कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता मानकों की अनदेखी की गई। प्रबंधन द्वारा पहले भी लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर भवन की जर्जर स्थिति से अवगत कराया गया था, लेकिन इसके बावजूद न तो कोई निरीक्षण हुआ और न ही मरम्मत कार्य शुरू किया गया।
लगातार अनदेखी के चलते अब महाविद्यालय के प्राचार्य ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है। पत्र में भवन की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए तत्काल तकनीकी जांच कराने और आवश्यक सुधार कार्य शीघ्र शुरू कराने की मांग की गई है। प्राचार्य ने आशंका जताई है कि यदि समय रहते मरम्मत नहीं कराई गई, तो कोई अप्रिय घटना घट सकती है, जिसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी। इस मामले ने एक बार फिर पीडब्ल्यूडी के निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और छात्र संगठनों में भी इसको लेकर नाराजगी देखी जा रही है। छात्रों का कहना है कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की लापरवाही किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। अब सभी की निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। यदि समय रहते जांच और सुधार कार्य नहीं हुए, तो यह मामला और भी बड़ा रूप ले सकता है।


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