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अवैध कोयला खदान हादसा: 24 घंटे बाद निकाला गया मजदूर का शव

 


भटगांव/सुरजपुर। अवैध कोयला खदान में सोमवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद 24 घंटे तक चले रेस्क्यू अभियान में मृतक का शव आखिरकार बाहर निकाला गया। सरगवां अंबिकापुर निवासी शिव चेरवा (38 वर्ष) नीली झील इलाके की बंद दुग्गा खदान में अवैध खनन कर रहा था, तभी चट्टान टूटकर गिरने से वह सुरंग में दब गया। हादसे के वक्त उसके साथी मौके से भाग निकले थे। मृतक का ससुराल भटगांव वार्ड क्रमांक 2 बांधपारा में है।


टना स्थल 50–60 फीट गहरी खाई में स्थित है। सुरंग के मुहाने पर भारी चट्टान गिर जाने से शव तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया था। बारिश ने हालात को और भी खतरनाक बना दिया। सोमवार को पुलिस और एसईसीएल प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची, मगर तकनीकी कठिनाई के चलते कार्रवाई ठप हो गई। मंगलवार को एसईसीएल भटगांव व विश्रामपुर की रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन शुरू किया। टीम ने गिरे हुए विशाल चट्टान को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर रास्ता बनाया। जब सुरंग के भीतर झांका गया तो पाया कि मृतक के ऊपर करीब 8–10 टन चट्टान दबा हुआ है। सावधानीपूर्वक कार्रवाई करते हुए शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। रेस्क्यू टीम के सदस्य अजय शर्मा ने बताया कि मृतक खुदाई करते समय मुंह के बल गिरा था और ऊपर से चट्टान दब गया था। खदान की भयावह स्थिति को देखते हुए टीम ने अंदर प्रवेश नहीं किया, बल्कि बाहर से ही सुरक्षित तरीके से शव को निकाला। यह दुर्घटना एसईसीएल की बंद दुग्गा खदान में हुई, जिसे पहले ही प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। इसके बावजूद ग्रामीण लालच में अवैध खनन कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। सोमवार का हादसा एक बार फिर अवैध खनन की गंभीर समस्या को उजागर करता है।

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