कोरिया। जिला चिकित्सालय में बुधवार को वयोवृद्ध चिकित्सा इकाई का उद्घाटन होना है। इसके लिए टेंट और अन्य तैयारियों की व्यवस्थाएं की जा रही हैं, लेकिन तैयारियों के बीच अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि टेंट लगाने का ठेका जिला खनिज न्यास (DMF) मद से ऑक्सीजन प्लांट में कार्यरत कर्मचारी को सौंपा गया है। जबकि यह कर्मचारी अपने मूल कार्य, यानी ऑक्सीजन प्लांट के संचालन के लिए नियुक्त किया गया था। गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय का ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से बंद पड़ा है, बावजूद इसके यहां तैनात कर्मचारियों का उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा, जब नियमित (रेगुलर) लिपिक पर्याप्त संख्या में मौजूद हैं, तो फिर टीवी विभाग के संविदा लिपिक से प्रशासनिक कार्य कराना समझ से परे है। यही नहीं, जीवन दीप समिति के लिपिक भी अस्पताल में ठेकेदारी पद्धति से कार्य करते हुए देखे जा रहे हैं।
इस प्रकार संविदा और ठेकेदारी व्यवस्था पर बढ़ती निर्भरता ने अस्पताल की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल के कामकाज में सलाहकार की भूमिका भी कटघरे में है। सूत्रों की मानें तो अस्पताल का सलाहकार सप्ताह में महज दो दिन ही उपस्थिति दर्ज कराता है, लेकिन भुगतान पूरे महीने का उठाता है। इससे यह साफ झलकता है कि प्रबंधन केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित है। स्थानीय नागरिकों और मरीजों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की जवाबदेही लगातार कमजोर होती जा रही है। नियमित कर्मचारियों की उपलब्धता के बावजूद संविदा और ठेके के कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। अस्पताल का बड़ा हिस्सा जीवन दीप समिति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) और DMF से आए कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े जानकारों का कहना है कि जिस तरह से ऑक्सीजन प्लांट का संचालन ठप पड़ा है और वहां तैनात कर्मचारियों का उपयोग अन्य कार्यों में किया जा रहा है, यह गंभीर लापरवाही है।
मरीजों को बेहतर सुविधा देने की बजाय व्यवस्थाएं ठेकेदारी की भेंट चढ़ रही हैं। जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, संविदा और ठेकेदारी व्यवस्था पर अंकुश लगाया जाए, ताकि अस्पताल अपनी मूल जिम्मेदारी, यानी मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने में सक्षम हो सके।
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