कोरिया। अष्टमी पर्व पर जिलेभर में धार्मिक उत्साह और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। मंगलवार को परंपरागत रूप से रमदईया धाम से ज्वारे निकाले गए। श्रद्धालुओं का सैलाब माता रानी की भक्ति में सराबोर होकर शोभायात्रा में शामिल हुआ। यात्रा भव्य स्वरूप में धाम से निकलकर महलपारा होते हुए जोड़ा तालाब पहुंची, जहां विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद ज्वारे आगे बढ़कर कुमार चौक पहुंचे और वहां नीम के पेड़ के नीचे माता रानी की पूजा संपन्न हुई।
शोभायात्रा के दौरान महिलाओं ने परंपरागत अंदाज में सिर पर ज्वारे रखकर माता की जय-जयकार करते हुए श्रद्धा और भक्ति के साथ कदम बढ़ाए। वातावरण ढोल-नगाड़ों की थाप और भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनि से गुंजायमान रहा। श्रद्धालुओं ने इस दौरान मां के दरबार में मन्नतें मांगी और परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। पूजा स्थल पर देवरहा बाबा सेवा समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा। समिति के अध्यक्ष शैलेश शिवहरे ने स्वयं श्रद्धालुओं को फल और पानी वितरित किया। समिति के कार्यकर्ताओं ने न केवल सेवा की बल्कि श्रद्धालुओं के लौटने के बाद स्थल की साफ-सफाई भी की। इस कार्य ने संगठन की सेवा भावना को और मजबूत किया। इसी बीच समाजसेवक अज्जू जीवनानी ने भी अपने कार्यों से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। जब कुछ श्रद्धालुओं ने फल खाकर छिलके जमीन पर फेंक दिए, तो उन्होंने स्वयं झुककर उन छिलकों को इकट्ठा किया और स्वच्छता का संदेश दिया। उनका यह प्रयास न केवल उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणादायी साबित हुआ, बल्कि समाज में स्वच्छता के महत्व को भी उजागर करता है। श्रद्धालुओं ने अज्जू जीवनानी की इस पहल की जमकर सराहना की। उनका कहना था कि त्योहारों और बड़े आयोजनों में अक्सर गंदगी फैल जाती है, लेकिन यदि हर व्यक्ति स्वच्छता की जिम्मेदारी उठाए तो धार्मिक स्थल और शहर हमेशा स्वच्छ रह सकते हैं। अष्टमी पर आयोजित ज्वारे यात्रा ने जहां आस्था और परंपरा को सशक्त किया, वहीं सेवा और स्वच्छता की मिसाल भी कायम की। यह आयोजन लोगों के लिए केवल धार्मिक अनुभव ही नहीं बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का संदेश भी लेकर आया।
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