कोरिया। शासकीय भूमि पर जारी अवैध निर्माण कार्य ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, रामपुर खसरा नंबर 111/6 की भूमि पर निर्माण कार्य को लेकर पहले ही स्टे आदेश जारी हो चुका है और नोटिस भी तामिल कराई जा चुकी है। बावजूद इसके, संबंधित पक्ष द्वारा तेज गति से निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तरह से कार्य हो रहा है, उससे ऐसा प्रतीत होता है मानो किसी विभागीय कर्मचारी ने ही जानकारी दे दी हो कि जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कर लो। यह स्थिति तब और भी चौंकाने वाली है जब यह अवैध निर्माण मुख्यालय में, राजस्व कार्यालय से महज कुछ ही दूरी पर हो रहा है। सवाल यह है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि विभाग इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि सामान्य परिस्थितियों में गरीबों द्वारा बिना अनुमति निर्माण किए जाने पर प्रशासन तुरंत दल-बल के साथ पहुंचकर कार्य रुकवा देता है। कई बार तो ऐसे लोगों के घरों को ढहाने में भी देरी नहीं की जाती। वहीं दूसरी ओर शासकीय भूमि पर हो रहे इस बड़े निर्माण को रोकने में प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शासन-प्रशासन के लिए शासकीय कार्यालय हेतु उपयुक्त भूमि की तलाश हमेशा एक बड़ी चुनौती रहती है। लेकिन, जब जमीन उपलब्ध होती है तो उस पर आम लोग कब्जा कर लेते हैं और प्रशासन की जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती। यह स्थिति प्रशासनिक साख पर प्रश्नचिह्न लगाती है। मामले की जानकारी के बाद स्टे आदेश जारी किया गया था, लेकिन निर्माण कार्य नहीं रुक सका। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर स्टे के बावजूद कार्य क्यों जारी है और प्रशासन किस दबाव में चुप्पी साधे हुए है। ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से मामले की गंभीर जांच की मांग की है, ताकि शासकीय भूमि को अवैध कब्जे से बचाया जा सके और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
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