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शिक्षक‌ साझा मंच ने डीईओ की करतूतों से मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े को कराया अवगत, सूरजपुर में शिक्षा विभाग की साख दांव पर

 हेलो ! मैं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बोल रहा हूँ....!




सूरजपुर। सूरजपूर जिले में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रकिया को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे है। शिक्षकों द्वारा जिले के अतिशेष समायोजन में हुवे भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण दिए जाने के बावजूद भी जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही न होता देख शिक्षकों के साझा मंच ने महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से मिलकर इस धांधली पर रोक लगाने की गुहार लगाई। दरअसल सूरजपूर जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में अतिशेष चिन्हांकन से लेकर पदांकन तक की प्रक्रिया में लगातार गड़बड़ी सामने आने पर शिक्षक संघो ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से पुनः कराने के लिए विभिन्न आंदोलन किये और हर स्तर पर ज्ञापन सौंपे लेकिन परिणाम बेअसर रहा।‌ शिक्षक साझा मंच के जिला संचालक यादवेन्द्र दुबे,सचिन त्रिपाठी, विजय साहू,राकेश शुक्ल,गौतम शर्मा,राजकुमार सिंह,कृष्णा सोनी और‌ राधेश्याम साहू ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा काउंसलिंग के दौरान अनेक सहायक शिक्षकों,शिक्षकों और व्याख्याताओं को जो पद आबंटित किये,वो पहले से ही भरे हुवे थे, ऐसे में अपनी संस्था से रिलीव होकर नवपदस्थ संस्था में ज्वाइन करने पहुंचे उन शिक्षकों के पैरों की जमीन ही खिसक गई,जब संस्था प्रमुखों ने उन्हें कार्यभार ग्रहण कराने से इंकार कर दिया। डबल पोस्टिंग के फेर मे फंसे ये शिक्षक न घर के रहे न ही घाट के और अपना आवेदन लेकर 20 दिनों तक सिर्फ बीईओ और डीईओ कार्यालय के चक्कर काटते रहे। अचानक आनन फानन में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उनके डबल पोस्टिंग वाले आदेश को निरस्त करते हुवे‌ पद रिक्त होने पर पुनः पदस्थापना करने के आशय का अस्पष्ट आदेश जारी कर दिया गया। हद तो तब हो गई जब इस आदेश के जारी होने के दो दिन बाद ही रात में डीईओ कार्यालय द्वारा व्याख्याताओं को व्यक्तिगत काल कर फोन पर ही काउंसलिग शुरू कर दी गई और दूरस्थ अंचलों के 3 विद्यालयों के नाम बताकर उन पर पद चयन करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। अचानक से ऐसी टेलीफोनिक काउंसलिंग से सकते में आये शिक्षकों ने फोन पर पद चयन करने से इंकार कर दिया। साझा मंच के जिला संचालकों ने शाला प्रवेश उत्सव के जिला स्तरीय कार्यक्रम में पहुंची मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से सैकड़ों शिक्षकों के साथ मुलाकात कर उन्हें बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने कार्यालय के बाबुओं के साथ मिलकर दबावपूर्ण तरीके से टेलीफोनिक काउंसलिंग हेतु बाध्य किया जा रहा है। जब प्रथम काउंसलिग के पश्चात जिले में संभाग को देने के लिए हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पद ही नहीं बचे थे, तो अब टेलीफोनिक काउंसलिंग के लिए रिक्त पद कहां से आ गए ? ऐसे में संभाग के उन व्याख्याताओं के साथ अन्याय हुवा, जो पद रिक्तता के अभाव में संभाग से बाहर कोंडागांव,धमतरी जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ हुवे। शिक्षक साझा मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि डबल पोस्टिंग जिला शिक्षा अधिकारी की गलती थी और उनकी गलती की सजा अब ये बेगुनाह शिक्षक दूरस्थ क्षेत्रों में पद चयन कर क्यों भुगते,साथ ही इन शिक्षकों के कार्यमुक्ति से लेकर अब तक की अवधि के वेतन भुगतान की समस्या का समाधान क्या होगा। इसके साथ ही साझा मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा के आमजनों और शिक्षकों से अशिष्ट,अमर्यादित दुर्व्यवहार की शिकायत भी मंत्री श्रीमती राजवाडे को गई और इन पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की गई। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने साझा मंच की बात गंभीरता से लेते हुए मौके पर मौजूद जिला कलेक्टर एस जयवर्धन को जांच के निर्देश दिए। उन्होंने यह साफ कहा कि, यह जांच केवल शिक्षा विभाग और युक्तियुक्तकरण समिति तक ही सीमित नहीं रहेगी, अन्य विभागीय अधिकारियों को भी जांच में शामिल किया जाएगा ताकि दोषियों को बचने का कोई रास्ता न मिले।



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