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धर्मांतरण से जुड़ा मामला स्कूल में बच्चों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश, तीन महिलाएं गिरफ्तार


रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के प्रतिष्ठित सप्रे स्कूल में शुक्रवार दोपहर एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। स्कूल परिसर में तीन महिलाओं द्वारा बच्चों का ब्रेनवॉश कर उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने की कोशिश की गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद हिंदू संगठनों में आक्रोश है और धर्मांतरण पर कड़ा कानून बनाने की मांग तेज़ हो गई है।

क्या है पूरा मामला?

शुक्रवार दोपहर देवेंद्र नगर निवासी ममता चौहान, नम्रता चौहान और लाभांडी निवासी विभा मासीह नामक तीन महिलाएं सप्रे स्कूल पहुंची। आरोप है कि ये महिलाएं स्कूल परिसर में खेल रहे बच्चों से चर्च जाने और वहां मिलने वाले कथित 'मानसिक शांति' के फायदे बताने लगीं। बच्चों को चर्च में जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था और धर्मांतरण से जीवन कैसे बदलता है, यह बताया जा रहा था। बच्चों द्वारा इस बात की जानकारी शिक्षकों व स्थानीय लोगों को देने पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और तीनों महिलाओं को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने व धर्मांतरण की कोशिश करने के आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया।

सरकार की सख्ती के बावजूद बेखौफ मिशनरी गतिविधियां

हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार बार-बार यह घोषणा कर रही है कि जल्द ही धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा, लेकिन इस तरह की घटनाएं शहर के बीचोंबीच खुलेआम हो रही हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मिशनरी संस्थाएं गरीब और भोले-भाले लोगों को पैसों, नौकरी और दूसरी सुविधाओं का लालच देकर धर्मांतरण के लिए उकसाती हैं। कई मामलों में कन्वर्जन के एवज में 5 से 6 लाख रुपये तक देने की बात भी सामने आई है। संगठनों ने यह भी आशंका जताई है कि इस पूरे नेटवर्क के पीछे कुछ प्रभावशाली लोगों का हाथ हो सकता है, जो गली-मोहल्लों से लेकर स्कूल-कॉलेज तक में धर्मांतरण की कोशिशों को अंजाम दे रहे हैं।

कब बनेगा सख्त कानून?

इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि धर्मांतरण के मामलों पर आखिर कब सख्त और प्रभावी कानून बनेगा? और कब इन मिशनरी संस्थाओं की जड़ें काटी जाएंगी? अगर शहर में ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं, तो वनांचल और दूरस्थ आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। हिंदू संगठनों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी धाराओं में केस दर्ज कर, मिशनरी संस्थाओं की जांच कराई जाए और जल्द से जल्द सख्त कानून लाकर इस तरह की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

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