कोरिया जिले के पण्डोपारा से सटी ग्राम पंचायत खोड में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। जिस योजना का उद्देश्य गरीब, बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को सम्मानजनक पक्का आवास उपलब्ध कराना है, वही योजना खोड पंचायत में प्रभावशाली और पहुंच वाले लोगों के लिए लाभ का माध्यम बनती नजर आ रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत खोड में एक जनप्रतिनिधि के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया है, जिसका आवास क्रमांक CH119463470 बताया जा रहा है। आरोप है कि संबंधित व्यक्ति के पास पहले से ही पक्का मकान मौजूद है। इतना ही नहीं, उसी मकान के ऊपर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रथम तल का निर्माण कराया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि उक्त आवास में शासकीय कर्मचारी निवासरत हैं, हालांकि इसकी पुष्टि हेतु अभी आधिकारिक दस्तावेज सामने नहीं आए हैं। यह मामला शासन की मंशा और जमीनी हकीकत के बीच गहरे अंतर को उजागर करता है। शासन मंचों से दावा करता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के जीवन में बदलाव ला रही है, लेकिन खोड पंचायत का उदाहरण इन दावों पर सवाल खड़ा करता है। जिन लोगों के पास पहले से पक्का मकान और संसाधन हैं, वे योजना का लाभ उठा रहे हैं, जबकि वास्तविक जरूरतमंद आज भी सूची में नाम जुड़वाने के लिए पंचायत और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायतों के कार्यालय तक नियमित रूप से नहीं खुलते। कई बार अधिकारी अनुपस्थित रहते हैं, तो कभी कार्यालय बंद मिलने से गरीब ग्रामीणों की सुनवाई ही नहीं हो पाती। परिणामस्वरूप, पात्र हितग्राही वर्षों से कच्चे मकानों या झोपड़ियों में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी जिले की अन्य पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ियों के आरोप सामने आ चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इसी तरह के एक प्रकरण को लेकर 13 मार्च 2025 को कलेक्टर कार्यालय, कोरिया में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन नौ माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है। प्रशासन की यह उदासीनता न केवल शासन की छवि को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि गरीबों के अधिकारों का भी सीधा उल्लंघन है। अब आवश्यकता है कि जिला प्रशासन मामले की निष्पक्ष जांच कर पात्रता की वास्तविक स्थिति सामने लाए और दोषियों पर सख्त कार्यवाही करे, ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ वास्तव में जरूरतमंद गरीब परिवारों तक पहुंच सके।

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