कोरिया। आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जामपारा में खाद, बीज एवं केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के तहत नगद राशि का वितरण लंबे समय से ठप पड़ा हुआ है। रबी फसल की तैयारियों के अहम समय में सुविधाएं न मिलने से क्षेत्र के किसान भारी परेशानी और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। समिति के चक्कर काट रहे किसानों को केवल यह जवाब दिया जा रहा है कि “अब तक चार्ज नहीं मिला है।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, समिति में नियमित प्रबंधक नवीन जायसवाल की पदस्थापना लगभग एक माह पूर्व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, अंबिकापुर के आदेश से हो चुकी है। इसके बावजूद आज तक खाद-बीज एवं केसीसी नगद वितरण शुरू नहीं हो पाया है। इसका मुख्य कारण पूर्व प्रभारी कर्मचारी के द्वारा अब तक चार्ज, अभिलेख, स्टॉक विवरण एवं केसीसी से संबंधित रिकॉर्ड नए प्रबंधक को हस्तांतरित नहीं किया जाना बताया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि उक्त कर्मचारी बर्खास्त होने के बावजूद धान खरीदी केंद्र में नियमित रूप से आ-जा रहा है, परंतु समिति का चार्ज देने से बच रहा है।
सहकारी समितियों के संचालन से संबंधित छत्तीसगढ़ सहकारी समिति अधिनियम, 1960 एवं नियम 1962 के अनुसार, किसी भी कर्मचारी के स्थानांतरण, बर्खास्तगी या पदमुक्ति की स्थिति में चार्ज हस्तांतरण अनिवार्य है। नियम 43 एवं 44 के तहत अभिलेख व स्टॉक सौंपना कर्मचारी का कर्तव्य है। चार्ज न देना अनुशासनहीनता एवं दंडनीय कृत्य की श्रेणी में आता है। चार्ज के अभाव में समिति का समस्त कार्य प्रभावित हो रहा है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद और बीज नहीं मिला तो खेती करना असंभव हो जाएगा, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो सकता है। इस स्थिति को लेकर किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
इधर, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बैकुंठपुर द्वारा समिति प्रबंधक को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि किसानों को खाद-बीज एवं केसीसी नगद राशि का वितरण क्यों नहीं किया जा रहा है। बैंक ने शीघ्र स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। वहीं सूत्रों के अनुसार जामपारा समिति प्रबंधक के द्वारा जामपारा समिति में दीपेश साहू को पदस्थ किया गया है, जो पूर्व में सूरजपुर जिले में लगभग 20 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार प्रकरण में फंसे रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि दीपेश साहू का गृह समिति क्षेत्र भंडी-धौराटीकरा में आता है, इसके बावजूद उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से जामपारा में रखा गया है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति नियम, 1962 के नियम 49 के अनुसार, सामान्यतः कर्मचारी की पदस्थापना उसकी मूल समिति क्षेत्र में नहीं की जानी चाहिए। इस संबंध में ए.आर. आयुष प्रताप ने कहा है कि दीपेश साहू की शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की जांच की जा रही है, जांच के उपरांत उचित कार्यवाही की जाएगी। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल चार्ज हस्तांतरण कराकर खाद-बीज एवं केसीसी नगद वितरण शुरू कराया जाए, साथ ही नियम विरुद्ध पदस्थापना और लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि समय पर खेती कार्य हो सके और किसानों को राहत मिल सके।

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