बैकुण्ठपुर। शहर और आसपास के इलाकों में बीते कई दिनों से ठंड और कोहरे का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि सुबह 10:15 बजे तक भी घना कोहरा छाया रहता है, जिससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि रात और अलसुबह ठंड कितनी अधिक पड़ रही है। ठंड के इस बढ़ते असर से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं बेसहारा पशुओं की स्थिति और भी चिंताजनक होती जा रही है।
नगरपालिका प्रशासन द्वारा शहर के कई प्रमुख स्थानों पर राहगीरों और जरूरतमंद लोगों की सुविधा के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है। जहां लोगों की आवाजाही और बैठने की संख्या अधिक है, वहां अलाव से ठंड से कुछ राहत मिल रही है। यह पहल सराहनीय जरूर है, लेकिन शहर के मैदानों और उन स्थानों पर, जहां बड़ी संख्या में गौवंश और आवारा पशु निवास करते हैं, वहां अब तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हालांकि पशु चिकित्सक का कहना है कि गौवंश की मौत का कारण केवल ठंड ही है, लेकिन बीते दिनों में लगातार दूसरी गौवंश की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लगातार हो रही इन मौतों से पशु प्रेमियों और आम नागरिकों में चिंता का माहौल है। शहरवासियों का कहना है कि जब इंसानों के लिए ठंड से बचाव के इंतजाम किए जा सकते हैं, तो गौवंश के लिए भी समान संवेदनशीलता दिखाना जरूरी है। आमजन नगर पालिका प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जिस तरह शहर के विभिन्न स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, उसी तरह गौवंश के रहने वाले क्षेत्रों, मैदानों और खुले स्थानों पर भी अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए, ताकि ठंड से उन्हें बचाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


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