Ticker

6/recent/ticker-posts

जिला न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी ने सुनाया कड़ा निर्णय, जिले में नशा विरोधी अभियान को मिली मजबूती

 गांजा तस्करी पर बड़ा फैसला: विशेष न्यायालय ने दो आरोपियों को 15-15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई


कोरिया। जिले में नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार पर लगाम लगाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को उस समय बड़ी सफलता मिली, जब विशेष न्यायालय (एनडीपीएस एक्ट) बैकुण्ठपुर ने गांजा तस्करी के एक पुराने प्रकरण में दो आरोपियों को 15-15 वर्ष के सश्रम कारावास तथा अर्थदंड की कठोर सजा सुनाई। यह फैसला जिला न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के द्वारा 11 दिसंबर 2025 को जारी किया गया, जिसे जिले में बढ़ते मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

यह था मामला
जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में पुलिस टीम नियमित गश्त के दौरान क्षेत्र में मौजूद थी। इसी दौरान एक संदिग्ध वाहन को रोककर जांच की गई। तलाशी में वाहन से भारी मात्रा में अवैध गांजा बरामद की गई, जिसका वजन करीब 56 किलोग्राम बताया गया। पुलिस ने मौके से ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने मादक पदार्थ को दूसरी जगह ले जाने की बात स्वीकार कर ली थी। बरामद सामग्री का परीक्षण कराया गया जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि वाहन में ले जाया जा रहा पदार्थ मादक गांजा था। पुलिस ने तत्काल आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय में चार्जशीट प्रस्तुत की। मामला विशेष न्यायालय में विचाराधीन रहा, जिसमें पुलिस, वैज्ञानिक रिपोर्ट व गवाहों के बयानों के आधार पर तस्करी का अपराध प्रमाणित हुआ। 

न्यायालय ने माना अपराध गंभीर, समाज पर गहरा प्रभाव

विशेष न्यायालय के न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी समाज के लिए अत्यंत घातक है और यह युवा पीढ़ी को गलत दिशा में धकेलने वाली संगठित आपराधिक गतिविधि है। निर्णय में उल्लेख किया गया कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए कठोर दंड आवश्यक है ताकि समाज में गलत संदेश न जाए और भविष्य में ऐसे अपराधों पर रोक लग सके। अदालत ने दोनों आरोपियों को 15-15 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई तथा अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश भी दिया गया है। निर्णय में स्पष्ट कहा गया कि आरोपी संगठित रूप से नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त थे और उनका कृत्य समाजिक सुरक्षा के लिए खतरा था।

पुलिस और प्रशासन ने फैसले को बताया बड़ी सफलता

जिले में पुलिस और प्रशासन ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला नशीले पदार्थों के कारोबार में शामिल लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है। अधिकारियों का कहना है कि न्यायालय के ऐसे कठोर निर्णयों से तस्करों में भय का वातावरण बनेगा और जिले में अवैध नशे के कारोबार को रोकने में मदद मिलेगी।

फैसले से मजबूत होगा नशा मुक्ति अभियान 

न्यायालय का यह फैसला जिले में चल रहे नशा मुक्त अभियान को नई दिशा देता है। पुलिस का मानना है कि यदि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जारी रही, तो नशीली दवाओं और पदार्थों की अवैध बिक्री व परिवहन पर प्रभावी रूप से रोक लग सकेगी। जिला न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी द्वारा सुनाए गए इस फैसले को सामाजिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ