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कोरिया में 1 अक्टूबर से शुरू हुआ ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान

 



कोरिया। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देश पर जिले में 1 अक्टूबर से ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत सभी पेट्रोल पंप संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना हेलमेट लगाए किसी भी व्यक्ति को पेट्रोल उपलब्ध नहीं कराएंगे। यदि कोई संचालक इस आदेश का उल्लंघन करते पाए गए तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए पुलिस विभाग की ओर से जागरूकता रैली भी निकाली गई। हेलमेट रैली के माध्यम से लोगों को समझाया गया कि सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए हेलमेट पहनना कितना जरूरी है। रैली के दौरान अधिकारियों ने आम नागरिकों से अपील की कि वे स्वयं सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनें और अपने परिवार के सदस्यों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
हालांकि, अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह नियम सबके लिए समान रूप से लागू होगा। आमतौर पर देखा गया है कि यातायात विभाग के कर्मचारी और कई शासकीय अधिकारी भी बिना हेलमेट के सड़क पर चलते हैं। ऐसे में आम नागरिकों के मन में यह आशंका है कि क्या इस बार नियम का पालन सभी करेंगे या केवल जनता पर ही सख्ती दिखाई जाएगी। लोगों का कहना है कि पहले भी शहर में कई नियम लागू किए गए थे, जैसे सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक नो-एंट्री जोन में भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी, लेकिन यह नियम कुछ ही दिनों में टूट गया और केवल कागजों तक सीमित रह गया। अब जनता की नजर इस नए अभियान पर है कि यह सिर्फ दिखावे तक सीमित रहेगा या फिर वास्तव में सख्ती से लागू होगा। जिले के बाशिंदों का मानना है कि यदि इस अभियान को पूरी गंभीरता से लागू किया गया तो सड़क सुरक्षा में बड़ा सुधार होगा और दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी। वहीं, दूसरी ओर प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस नियम का पालन अधिकारी और कर्मचारी भी करें, ताकि आम जनता में संदेश जाए कि कानून सबके लिए बराबर है। फिलहाल, ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान ने जिले में चर्चा का माहौल बना दिया है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि यह आदेश कितना कारगर साबित होता है।

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