कोरिया। नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। करीब छह माह से नगर पालिका की एक जेसीबी मशीन खराब हालत में खड़ी है, लेकिन अब तक उसकी मरम्मत नहीं हो सकी है। यह स्थिति तब है जब निजी संस्थानों में इसी प्रकार की मशीनें खराब होने पर एक-दो दिनों के भीतर ही दुरुस्त हो जाती हैं। सवाल यह उठता है कि आखिर सरकारी जेसीबी की मरम्मत में इतना विलंब क्यों हो रहा है?
शहर की सफाई व्यवस्था और अन्य विकास कार्यों में जेसीबी की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। गड्ढों को भरना हो, मलबा उठाना हो या अन्य निर्माण कार्य—हर जगह इसकी जरूरत पड़ती है। लेकिन महीनों से मशीन बंद पड़ी रहने के कारण नगर के कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इससे साफ है कि नगर पालिका की लापरवाही का खामियाजा सीधे तौर पर आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। इसी बीच एक और बड़ा सवाल उभरकर सामने आया है। चर्चाओं का विषय यह भी है कि कहीं यह जेसीबी किसी जनप्रतिनिधि के निजी उपयोग में तो नहीं दी गई है? जिस प्रकार नगर पालिका के एक सफाई कर्मचारी को जनप्रतिनिधि के घर पर सेवा के लिए भेजा गया था, उसी आधार पर आशंका जताई जा रही है कि कहीं मशीन का भी गलत उपयोग तो नहीं हो रहा। जनता का कहना है कि यदि निजी मशीनें तत्काल दुरुस्त हो सकती हैं तो फिर नगर पालिका की मशीन को छह माह तक क्यों लावारिस छोड़ दिया गया है। यह न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी है बल्कि नगरवासियों के साथ अन्याय भी। नागरिकों ने मांग की है कि नगर पालिका प्रशासन जेसीबी की स्थिति पर स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक करे और शीघ्र ही इसकी मरम्मत कराकर कार्य में लगाए। साथ ही, यदि मशीन का किसी प्रकार से निजी उपयोग किया गया है, तो उसकी उच्च स्तरीय जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
0 टिप्पणियाँ