Ticker

6/recent/ticker-posts

पैलेस रोड पर अव्यवस्था, नगरपालिका की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

 



कोरिया। नगर के प्रमुख पैलेस रोड क्षेत्र में बाजार बैठकी के दौरान अव्यवस्था चरम पर है। यहां पैदल चलना तक दूभर हो गया है। फुटपाथ और सड़कों पर फैले अतिक्रमण से जहां आमजन परेशान हैं, वहीं नगर पालिका प्रशासन की चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि बीते समय तक जब गांवों की गरीब महिलाएँ और ग्रामीणजन सड़क किनारे सब्ज़ी, बरबटी और अन्य घरेलू सामान बेचते थे, तब नगर पालिका का अमला उन पर कार्रवाई करने में तत्पर रहता था। कई बार तो उन्हें बलपूर्वक उठाकर हटाया भी गया। लेकिन अब हालात बिल्कुल उलटे हैं। अब जब से कुछ दबंग व्यापारी वर्ग ने पैलेस रोड और फुटपाथों पर कब्ज़ा कर लिया है और बड़े-बड़े अस्थायी दुकानें सजा ली हैं, प्रशासन खामोश बैठा हुआ है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह स्थिति केवल दोहरे मापदंडों को उजागर करती है। सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कानून और नियम सिर्फ गरीबों पर ही लागू होते हैं? नगर पालिका का यह रवैया साफ संकेत देता है कि कहीं न कहीं दबंग व्यापारियों और प्रशासन के बीच मिलीभगत का खेल चल रहा है। इस अव्यवस्था के कारण पैदल राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। सड़क का बड़ा हिस्सा अतिक्रमणकारियों ने घेर लिया है। परिणामस्वरूप यातायात भी प्रभावित हो रहा है और आए दिन जाम की स्थिति बन रही है।
नगरवासियों ने प्रशासन से कड़ा कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि गरीबों को सड़क से हटाया जा सकता है तो दबंग व्यापारी वर्ग पर कार्रवाई क्यों नहीं? जनसाधारण की सुविधा और सड़क पर सुगम आवागमन के लिए आवश्यक है कि पैलेस रोड को अविलंब अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
लोगों का मानना है कि यदि इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आक्रोशित नागरिक आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। नगर पालिका को चाहिए कि वह निष्पक्षता बरतते हुए समान रूप से कार्रवाई करे और कानून को सभी के लिए बराबर लागू करे। यह मामला न केवल सड़क की अव्यवस्था का है बल्कि न्याय और प्रशासनिक निष्पक्षता का भी सवाल खड़ा करता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ