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बैकुण्ठपुर में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न, कलेक्टर के निर्देशों पर हुए अहम बैठक


कोरिया। कलेक्टर कोरिया के निर्देशानुसार शिक्षा की गुणवत्ता एवं प्रशासनिक कार्यों की समीक्षा के लिए शनिवार, 20 सितम्बर 2025 को कन्या ऑडिटोरियम बैकुंठपुर में विशेष बैठक का आयोजन किया गया। अपरान्ह 1 बजे से प्रारंभ हुई इस बैठक में विकासखण्ड बैकुंठपुर के 26 संकुल केन्द्रों के अंतर्गत आने वाले 177 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानपाठक शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न शैक्षिक एवं प्रशासनिक बिंदुओं पर प्रगति की समीक्षा करना तथा आगामी कार्ययोजना को गति प्रदान करना रहा।


बैठक में सर्वप्रथम कलेक्टर महोदया द्वारा दिए गए निर्देशों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। इनमें प्रमुख रूप से यू-डाइस पोर्टल में दिव्यांग बच्चों की एंट्री, बालवाड़ी के बच्चों का पंजीयन, विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनवाना, एसएचवीआर पंजीकरण, स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम, अपार आईडी निर्माण, कर्मयोगी अभियान तथा अन्य शैक्षिक बिंदु शामिल थे।समीक्षा के दौरान विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी देवेश जायसवाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक बच्चे का जाति प्रमाण पत्र एक सप्ताह की अवधि में तैयार किया जाए। इसके लिए सरलीकरण फार्म की प्रक्रिया अपनाते हुए शत-प्रतिशत प्रमाण पत्र सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि बिना जाति प्रमाण पत्र के बच्चों को सरकारी योजनाओं का पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता, इसलिए इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।बैठक में खण्ड स्त्रोत समन्वयक नीलेश शुक्ला ने प्रत्येक प्रधानपाठक से अजेंडावार समीक्षा की। इस दौरान बालवाड़ी बच्चों की एंट्री की प्रगति, दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा सुविधाओं की स्थिति, अपार आईडी की पूर्णता तथा स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत चलाए जा रहे गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में समावेशी शिक्षा की स्पेशल एजुकेटर पुष्पा ठाकुर एवं बीआरपी सरिता सोनी ने दिव्यांग बच्चों की शिक्षा संबंधी मुद्दों पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों की पहचान, पंजीयन तथा उनकी विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। इसी प्रकार शैक्षिक समन्वयक संजय यादव एवं जितेन्द्र साहू ने प्रधानपाठकों को विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु सुझाव दिए। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी देवेश जायसवाल एवं खण्ड स्त्रोत समन्वयक नीलेश शुक्ला ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता केवल योजनाओं और बैठकों से नहीं बल्कि शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी और जिम्मेदारी निभाने से ही संभव है। उन्होंने सभी प्रधानपाठकों से आग्रह किया कि वे विद्यालयों को स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केंद्र बनाने में अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाएं। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि "कर्मयोगी अभियान" जैसे कार्यक्रम बच्चों में जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना विकसित करने के उद्देश्य से संचालित किए जा रहे हैं। अतः प्रत्येक विद्यालय को इन्हें गंभीरता से लागू करना होगा। बैठक में उपस्थित सभी प्रधानपाठकों ने दिए गए निर्देशों का पालन करने तथा निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण करने का संकल्प लिया। कन्या ऑडिटोरियम में आयोजित यह समीक्षा बैठक शिक्षा विभाग की प्रशासनिक सक्रियता का प्रतीक रही। 177 विद्यालयों के प्रधानपाठकों की उपस्थिति और विभिन्न अधिकारियों की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि जिला प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत एवं पारदर्शी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

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