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एमएचआईवी एक्ट 2017 एवं सोशल प्रोटेक्ट सिंह विंडो मॉडल पर जागरूकता प्रशिक्षण आयोजित

 


कोरिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभा कक्ष में सोशल प्रोटेक्ट सिंह विंडो मॉडल एवं एमएचआईवी एक्ट 2017 के संबंध में जनजागरूकता अभियान के तहत एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से बी.के. रेखा दीदी को आमंत्रित किया गया। रेखा दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज दुनिया में दुख, अशांति और बीमारियों का मूल कारण कमजोर मन है। यदि हम अपने मन को सशक्त बना लें तो मन और तन दोनों स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अधिकांश लोग मानसिक रोगों से ग्रसित हैं, जिसका समाधान सकारात्मक सोच और राजयोग साधना है। राजयोग के अभ्यास से मनुष्य परमात्मा से जुड़कर अपनी विल पावर बढ़ा सकता है और मन में व्याप्त डर, चिंता, भय जैसी मानसिक बाधाओं को दूर कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे कचरे का डिब्बा रोज़ाना भरने पर यदि खाली न किया जाए तो वह बदबू करने लगता है और कई बीमारियों को जन्म देता है। उसी प्रकार यदि हम मन में नकारात्मक विचारों और दूसरों की गलतियों को संजोकर रखते हैं तो मन भी धीरे-धीरे बीमार हो जाता है। इसका परिणाम ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन जैसी बीमारियों के रूप में सामने आता है। इसलिए मन को स्वस्थ और स्वच्छ रखना आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित जनों से सकारात्मक सोच अपनाने और राजयोग सीखने का आह्वान किया। इसके साथ ही सभी को एड्स से बचाव और जागरूकता के लिए शपथ दिलाई गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने एचआईवी/एड्स के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस बीमारी से बचाव ही सबसे बड़ा उपाय है। समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक कर हम इस गंभीर बीमारी को जिले से समाप्त कर सकते हैं। राकेश सिंह ने भी प्रशिक्षण के दौरान एचआईवी/एड्स संक्रमण एवं इसके बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। इस प्रशिक्षण में एचआईवी पॉजिटिव सदस्य, मितानिन कार्यकर्ता, मितानिन प्रशिक्षण टीम, टीआई एनजीओ के सदस्य, टीसीटीसी के परामर्शदाता देवी प्रसाद सोनी, लक्ष्मीनिया सिंह, अंजू लता, मुख्य चिकित्सा विभाग का संपूर्ण स्टाफ एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल एचआईवी/एड्स की जानकारी देना था, बल्कि समाज में एक सशक्त, जागरूक और स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना भी था। प्रशिक्षण में उपस्थित लोगों ने राजयोग सीखने और नशा एवं एड्स मुक्त समाज के निर्माण में सहयोग देने का संकल्प लिया।

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