कोरिया। जिला नगर सेनानी संजय गुप्ता द्वारा हाल ही में शराब पार्टी मामले में 10 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद जिला सेनानी की ओर से एक वीडियो जारी कर जानकारी दी गई कि 6 लोगों की किट-पेटी जमा करा ली गई है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब नोटिस 10 लोगों को दिया गया था, तो कार्रवाई केवल 6 के खिलाफ ही क्यों की गई और शेष 4 को क्यों बचा लिया गया? सूत्रों के अनुसार, जिन चार लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, वे अधिकारी के खास माने जाते हैं। यही वजह है कि उन पर कार्यवाही को टाल दिया गया है। इस मामले ने विभागीय कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि जिला सेनानी कार्यालय में शराब पार्टी का वीडियो सामने आने के बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में आया। वीडियो वायरल होने के बाद आनन-फानन में कार्रवाई की गई और 6 लोगों की किट-पेटी जब्त कर दी गई है। लोगों का कहना है कि यदि 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया था तो कार्रवाई भी सभी के खिलाफ समान रूप से होनी चाहिए थी। लेकिन 4 लोगों को छोड़ देने से यह संदेश जा रहा है कि विभाग में पक्षपात और संरक्षण का खेल चल रहा है। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि जिन चार लोगों को कार्रवाई से बचाया गया है, यह एक अबुझ पहेली बनी हुई है, कुछ तो कारण है कि संभवतः अधिकारी ने उन्हें दंड से मुक्त रखा है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या जिला सेनानी भविष्य में इन चार लोगों पर भी कार्यवाही करेंगे या उन्हें यूं ही छोड़ दिया जाएगा? इस मामले पर विभागीय स्तर पर पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग लगातार तेज होती जा रही है।
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