बलरामपुर। जिले के शंकरगढ़ थाना पुलिस ने आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में हुए सनसनीखेज घोटाले का पर्दाफाश करते हुए चार महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है। ये महिलाएं फर्जी 8वीं कक्षा की मार्कशीट के आधार पर चयनित हो गई थीं। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया है, वहीं अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
फर्जीवाड़ा की परतें खुलीं: जांच कमिटी ने पकड़ी साजिश
मामला वर्ष 2024-25 की आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती से जुड़ा है। एकीकृत बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) कुसमी की प्रभारी अधिकारी ने शंकरगढ़ अनुभाग में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत की थी। कलेक्टर बलरामपुर ने तत्काल जांच समिति गठित की, जिसने बेहारटोली जार्गिम, कटहरपारा महुआडीह, धाजापाठ कोठली और डूमरपानी बेलकोना केंद्रों में जांच की।
जांच में सामने आया कि महिलाओं ने अपने साथियों की मदद से फर्जी मार्कशीट तैयार कराई और योग्य उम्मीदवारों को पीछे धकेलकर खुद नौकरी हथिया ली। इस पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 115/2025 दर्ज किया और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत कार्रवाई की।
गिरफ्तार महिलाओं में अरमाना पति शमशेर आलम (निवासी जार्गिम), रिजवाना पति अमरुद्दीन (निवासी महुआडीह), प्रियंका यादव पति आशीष यादव (निवासी कोठली) और सुशीला सिंह पति उमाशंकर सिंह (निवासी बेलकोना) शामिल हैं।
स्थानीय रहवासियों में गुस्सा: "गरीबों की योजना में ठगी"
इस घोटाले ने आंगनबाड़ी जैसी जमीनी योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर दिया है, जिनका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण और शिक्षा सुनिश्चित करना है। स्थानीय निवासियों का कहना है—
"फर्जी दस्तावेजों से योग्य लोग बाहर हो जाते हैं और भ्रष्टाचारियों की मौज हो जाती है।"
फिलहाल पुलिस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। आने वाले दिनों में और बड़े नाम सामने आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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