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गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने किसानों, आदिवासियों और ग्रामीण जनता की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

 


कोरिया। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) जिला कोरिया ने जिले में किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और ग्रामीण जनता से जुड़ी गंभीर समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने ज्ञापन में स्पष्ट किया कि क्षेत्र की जनता वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित है और प्रशासन द्वारा ठोस कदम न उठाए जाने से असंतोष बढ़ रहा है। ज्ञापन में दर्ज कई मुद्दों को तत्काल हल करने की मांग की गई है, साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती तो पार्टी आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।

किसानों की समस्याएँ बनी बड़ी चिंता

ज्ञापन में सबसे अधिक जोर किसानों की परेशानियों पर दिया गया। पार्टी ने कहा कि जिले के कई ग्राम पंचायतों में सहकारी बैंक शाखा नहीं होने से किसान समय पर ऋण व अन्य सुविधाओं से वंचित हैं। इसके चलते उन्हें निजी साहूकारों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नई शाखाएँ खोलने की मांग की गई। धान खरीदी केंद्रों को बंद करने पर भी पार्टी ने आपत्ति जताई और कहा कि खरीदी केंद्र बंद होने से किसानों को अपनी उपज बेचने में भारी दिक्कत हो रही है। पार्टी ने मांग की कि सभी बंद धान खरीदी केंद्रों को तुरंत शुरू किया जाए और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज बेचने की सुविधा दी जाए।

भूमि और पट्टा वितरण की मांग

ज्ञापन में कहा गया कि जिले में कई किसान वर्षों से राजस्व भूमि या वन भूमि पर खेती कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कानूनी अधिकार यानी पट्टा नहीं मिला है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006-07 और संशोधित अधिनियम 2012 के तहत पात्र किसानों को पट्टा दिए जाने की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता बताई गई। साथ ही यह भी मांग की गई कि जिन किसानों की जमीन अन्य लोगों के नाम पर दर्ज है, उसे सुधारकर वास्तविक किसानों के नाम पर दर्ज किया जाए। पार्टी ने यह भी कहा कि यदि भूमि संबंधी समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो किसान आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार की मांग

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई। ज्ञापन में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बेहद दयनीय है। मरीजों को इलाज के लिए दूर दराज शहरों का रुख करना पड़ता है। पार्टी ने मांग की कि बैकुंठपुर, पटना और पोड़ी-बचरा के अस्पतालों को 10 बिस्तरों से बढ़ाकर 100 बिस्तरों का किया जाए और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

शिक्षा और छात्रावासों की बदहाली

ज्ञापन में आदिवासी छात्रों के लिए संचालित आश्रम शालाओं और छात्रावासों की बदहाल स्थिति का भी मुद्दा उठाया गया। पार्टी ने कहा कि छात्रावासों में साफ-सफाई, भोजन और सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब है। बच्चियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएँ हैं। प्रशासन से मांग की गई कि इन छात्रावासों की मरम्मत कराई जाए और पर्याप्त स्टाफ की नियुक्ति हो।

महिलाओं और युवाओं की समस्याएँ

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने महिलाओं और युवाओं की समस्याओं को भी गंभीरता से उठाया। ज्ञापन में कहा गया कि महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं का विस्तार किया जाए ताकि उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके। युवाओं के लिए रोजगारमूलक प्रशिक्षण शिविर लगाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन की व्यवस्था करने की भी मांग की गई।

सड़क, बिजली और पेयजल की समस्या

पार्टी ने कहा कि जिले के कई गाँव आज भी सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ग्राम पंचायतों में अधूरे भवन और अपूर्ण योजनाओं की जांच कर उन्हें पूरा कराने की आवश्यकता है।

पार्टी की चेतावनी – करेंगे आंदोलन

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने ज्ञापन के अंत में साफ शब्दों में कहा कि यदि इन समस्याओं का निराकरण जल्द नहीं किया गया तो पार्टी चरणबद्ध आंदोलन करेगी। इसमें गांव-गांव जनजागरण से लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन तक शामिल होगा।

संक्षेप में, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने किसानों, आदिवासियों और ग्रामीण जनता की समस्याओं को लेकर 30 से अधिक बिंदुओं में विस्तृत ज्ञापन सौंपा है। पार्टी की मांगों में बैंक शाखा खोलने, धान खरीदी केंद्र चालू करने, पट्टा वितरण, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, शिक्षा व छात्रावास सुधार, महिलाओं-युवाओं के लिए योजनाएँ और अधूरे विकास कार्यों को पूरा करने जैसी महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं।

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