कोरिया। जिले में लंबे समय से आमजन को प्रचलित भारतीय मुद्रा के छोटे सिक्कों—विशेष रूप से ₹1 और ₹2 के सिक्कों—को लेकर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। बाजारों और विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इन सिक्कों को लेने से इंकार करने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। ऐसे हालात में उपभोक्ताओं को आर्थिक क्षति तो झेलनी ही पड़ती थी, साथ ही लेन-देन की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही थी। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर कोरिया श्रीमती संजय त्रिपाठी ने इस पर सख्त पहल की है और इसे दूर करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सिक्कों को लेने से इनकार पर होगी कानूनी कार्रवाई
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि ₹1 और ₹2 के सिक्के भारतीय मुद्रा का हिस्सा हैं और इन्हें अस्वीकार करना राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान माना जाएगा। यदि कोई भी व्यापारी, व्यवसायी अथवा आमजन लेन-देन के दौरान इन सिक्कों को लेने से इंकार करता है, तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नगर पालिका, नगर पंचायत और जनपद पंचायत अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि बाजारों और ग्रामीण क्षेत्रों में सिक्कों के लेन-देन को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या न हो।
आमजन को मिलेगी राहत
यह देखा जा रहा था कि छोटे सिक्कों को बाजार से बाहर किए जाने के कारण आम नागरिकों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। खासकर ग्रामीण और छोटे कस्बों में लोग जब छोटी राशि का लेन-देन करते थे, तो व्यापारी सिक्कों को लेने से मना कर देते थे। कई बार उपभोक्ताओं को सामान लेने से भी वंचित रहना पड़ता था। इस स्थिति में कलेक्टर की पहल से आमजनों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
शिकायत मिलने पर तुरंत होगी कार्रवाई
जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यापारी या व्यक्ति सिक्कों को लेने से इंकार करता है, तो पीड़ित व्यक्ति तत्काल इसकी शिकायत कर सकता है। शिकायत प्राप्त होने पर नियमित प्रक्रिया के तहत दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे मामलों में लापरवाही न बरतें और शिकायतों का तत्काल निपटारा करें।
कलेक्टर की सराहनीय पहल
कोरिया कलेक्टर श्रीमती संजय त्रिपाठी की यह पहल आम जनता के हित में सराहनीय कदम है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भारतीय मुद्रा के किसी भी रूप का अनादर न हो और नागरिकों को आर्थिक परेशानी से न गुजरना पड़े। छोटे सिक्कों को लेकर जारी यह निर्देश न केवल जिले में लेन-देन को सरल बनाएगा, बल्कि आमजनों का प्रशासन पर भरोसा भी मजबूत करेगा। कुल मिलाकर, कोरिया कलेक्टर की यह पहल छोटे सिक्कों के सम्मान और आमजन की सुविधा दोनों को सुरक्षित करती है। अब यह जिम्मेदारी बाजारों और कारोबारियों की है कि वे इस आदेश का पालन कर नागरिकों को राहत पहुंचाएं।
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