जल संरक्षण में कोरिया का मॉडल बना, 5 परसेंट मॉडल
जनभागीदारी से लगातार जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण जारी
कोरिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए कैच द रेन कार्यक्रम अंतर्गत पूरे छत्तीसगढ़ में वर्षा जल को पूर्णतः संरक्षित कर भूमिगत जल संसाधन बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा मोर गांव मोर पानी महाअभियान आरंभ किया गया है। इस अभियान में शामिल होकर कोरिया जिले के ग्रामीण एक नई पहल के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यहां जिला प्रशासन कोरिया द्वारा आवा पानी झोंकी अभियान चलाकर जनजागरुकता को बढ़ाया गया है और इसके परिणाम स्वरूप अब पूरे जिले में जनभागीदारी के माध्यम से किसानों द्वारा अपने खेतों में पांच परसेंट मॉडल अपनाया जा रहा है। बेहद कम समय में ही जल संरक्षण अभियान आवा पानी झोंकी के अंतर्गत सोनहत जनपद के अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों में लगभग 700 से ज्यादा संरचनाओं का निर्माण किसानों द्वारा द्वारा स्वस्फूर्त होकर किया गया है। वर्षा जल को रोकने में यह एक बेहद कारगर अभियान साबित हो रहा है। और जन जागरूकता से इन संरचनाओं का निर्माण कार्य निरन्तर जारी है।
जल संरक्षण का कोरिया मॉडल,5% मॉडल
कोरिया जिले के कृषकों ने जिला प्रशासन कोरिया के अनुरोध पर "5% मॉडल" अपनाया है। जिसमें खेत के एक कोने में (लगभग 5% भाग पर) सीढ़ीदार गड्ढों का निर्माण किया जाता है, जो कृषि की जरूरत से अधिक समस्त वर्षा जल को भूमिगत जल बनाने में बेहद कारगर है। साथ ही यह उन खेतों में तथा नीचे के खेतों में लंबे समय तक नमी बनाए रखने का काम करता है।
छोटी संरचनाएं, बड़े बड़े फायदे
पांच परसेंट मॉडल अंतर्गत बनाई जा रही जल संचयन संरचनाओं मे वर्षा जल के साथ खेतों का अतिरिक्त जल रुकता है। जो सीधे भूमिगत जल में बदलता है। यह खेतों के आउटलेट पर होने वाले मिट्टी के कटाव को रोकने में उपयोगी है। इससे आस - पास के क्षेत्रों में नमी बनी रहती है। जिससे कम वर्षा या पानी की कमी की स्थिति में फसलें अंदरूनी नमी के कारण ज्यादा दिन तक बची रहती हैं। आवश्यकता की स्थिति में इन गड्ढों में भंडारित जल का अन्य उपयोग किया जा सकता है।
आवा पानी झोंकी से जुड़ता समुदाय
प्रदेश भर में जल संरक्षण हेतु चल रहे महा अभियान में कोरिया की जन भागीदारी को आगे बढ़ाने के लिए कोरिया जिला प्रशासन ने कई प्रयास किए हैं। आवा पानी झोंकी के तहत पूरे जिले में सामुदायिक भागीदारी से एक साथ तीन घंटे में प्रति ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय में 4- 4 के मान से कुल 660 सोख्ता गड्ढों का निर्माण करते हुए जल संरक्षण की शपथ ले, अपनी तरह का अलग रिकॉर्ड कायम किया।
गतिविधियों से वातावरण निर्माण
कोरिया जिले में जल संरक्षण के वातावरण निर्माण हेतु व्यापक स्तर पर विभिन्न उपायों को अपनाया गया है।इसके लिए प्रत्येक ग्रामीण और शहरी आयोजन में शपथ, दीवार लेखन, मुनादी, ग्राम पंचायत स्तर तक महिला गोष्ठियां, एवं अलग अलग स्तर पर जल कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। जिले में इस हेतु ग्राम पंचायत पोटेडांड और डोहड़ा को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है।
कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी
कोरिया जिले में प्रकृति की सुन्दरता अदभुत है और इसे बनाए रखने के लिए पानी सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। क्लीन कोरिया ग्रीन कोरिया को साकार करने के लिए कोरिया के प्रत्येक किसान और आम नागरिकों को अब आगे आना होगा और अपने स्तर पर सुधार करना होगा। सभी अपने छत पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगवाएं। खेतों में जल संरक्षण हेतु पांच परसेंट मॉडल बनवाएं। आसपास के जल स्रोत को प्रदूषित ना करें, उसमें सफाई रखें, उपलब्ध जल का न्यूनतम उपयोग और अधिकतम बचत करने पर ध्यान दें।
सीईओ जिला पंचायत डॉ आशुतोष चतुर्वेदी
कोरिया के सभी किसान भाईयों से अनुरोध है कि, जल संरक्षण और बेहतर फसल उत्पादन के लिए जल संरक्षण हेतु अपने हर खेत में 5% मॉडल अपनाएं और दूसरों को भी इसे अपनाने प्रेरित करें, सभी जल संरक्षण में भागीदार बनिए, अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य निर्माता बनिए।

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