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रात के अंधेरे में अवैध ब्लास्टिंग, ग्रामीणों का जीवन हुआ दूभर - संचालक मस्त जनता पस्त


जनकपुर। जनकपुर क्षेत्र के ग्राम लड़खोड़ा़ में संचालित कमलेश गुप्ता के क्रेशर प्लांट को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि क्रेशर में नियमों को ताक पर रखकर रात के अंधेरे में ब्लास्टिंग की जा रही है। तेज धमाकों से जहां गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है, वहीं उड़ती डस्ट (धूल) से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय की जाने वाली ब्लास्टिंग से घरों में दरारें पड़ रही हैं, बच्चों और बुजुर्गों में भय बना रहता है। लगातार उड़ रही धूल से सांस की बीमारियां, आंखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। इसके बावजूद संबंधित विभागों द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन
खनन एवं क्रेशर संचालन के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 तथा इसके अंतर्गत बने नियमों का पालन अनिवार्य है। इसके अलावा माइनिंग प्लान की स्वीकृति, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 और पर्यावरण प्रभाव आंकलन (EIA) अधिसूचना 2006 के प्रावधानों के अनुसार बिना अनुमति रात में ब्लास्टिंग करना और डस्ट नियंत्रण के उपाय न करना अपराध है। ब्लास्टिंग के लिए भारतीय विस्फोटक अधिनियम, 1884 एवं विस्फोटक नियम, 2008 के तहत निर्धारित समय, सुरक्षा दूरी और अनुमति आवश्यक होती है। रात में ब्लास्टिंग करना और आसपास के आबादी क्षेत्र को प्रभावित करना इन नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माना जाता है।

ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांग की है कि क्रेशर संचालन की जांच कराई जाए, अवैध ब्लास्टिंग पर तत्काल रोक लगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही डस्ट नियंत्रण के लिए पानी छिड़काव, ग्रीन बेल्ट और अन्य सुरक्षा उपाय अनिवार्य रूप से लागू कराए जाएं, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।

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