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आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन में लापरवाही: कलेक्टर के आदेशों की खुली अवहेलना

 


कोरिया। नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर में आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कलेक्टर कोरिया के स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे। निर्देशों के अनुसार नगर पालिका की टीम व गांव सेवक अनुराग दुबे द्वारा लगातार शहर में आवारा कुत्तों का टीकाकरण किया जा रहा था। टीकाकरण के बाद कुत्तों को रेडियम चिह्न लगाकर उनकी पहचान सुनिश्चित की जा रही थी, ताकि एक ही कुत्ते का बार-बार टीकाकरण न हो। यह प्रक्रिया व्यवस्थित तरीके से चल रही थी, लेकिन बुधवार को प्रशासनिक लापरवाही साफ उजागर हो गई। जानकारी के अनुसार गांव सेवक अनुराग दुबे सुबह 11 बजे से नगर के फिल्टर प्लांट में वैक्सीनेशन टीम के साथ कार्य प्रारंभ करने पहुंच गए थे। किंतु पशु विभाग का कोई भी कर्मचारी वैक्सीन लेकर मौके पर नहीं पहुंचा। लंबे इंतजार के बाद भी जब टीम नहीं आई तो अनुराग दुबे ने इस संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारी से चर्चा की। अधिकारी ने बताया कि विभाग के पास फंड उपलब्ध नहीं है, जिस वजह से वे रेडियम चिह्न सहित आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था नहीं कर पा रहे। यह स्थिति न केवल विभाग की उदासीनता दर्शाती है, बल्कि कलेक्टर कोरिया के निर्देशों की भी सीधी अवहेलना है। आवारा कुत्तों के बढ़ते संख्या और उनसे होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए यह अभियान अत्यंत आवश्यक है। यदि इस प्रकार प्रशासनिक लापरवाही जारी रहती है तो शहर में सुरक्षा व स्वच्छता संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। नगरवासियों का कहना है कि जब जिला प्रशासन स्वयं वैक्सीनेशन हेतु आदेश जारी कर चुका है, तो विभागीय उदासीनता किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। अब देखना यह है कि कलेक्टर कार्यालय इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और अभियान को पुनः सुचारू रूप से संचालित करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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