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जिला चिकित्सालय की लापरवाही उजागर, मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़ - सुत्र

 



कोरिया। जिला चिकित्सालय में लापरवाही और अव्यवस्था का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात प्रसव पीड़ा से कराहती एक महिला को महिला चिकित्सक ने देर रात 11 बजे अम्बिकापुर रेफर करने की बात कही। हालत बिगड़ती देख परिजन परेशान हो उठे। अंततः विधायक प्रतिनिधि ने स्वास्थ्य मंत्री के निजी सहायक से संपर्क साधा, जिसके बाद महिला चिकित्सक ने जिला अस्पताल में ही उपचार किया। इस पूरे घटनाक्रम ने जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल के कई कर्मचारी ड्यूटी समय में अपने काम पर मौजूद रहने के बजाय शहर में घूमते नजर आते हैं। विभागीय अधिकारियों की स्वास्थ्य मंत्री से नजदीकी के कारण इन कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जिसके चलते उनका हौसला और बढ़ गया है। शिकायतें उच्च अधिकारियों तक पहुंचने के बावजूद अनसुनी रह जाती हैं।

उधर, अस्पताल में मरीजों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में एक मरीज ने सोशल मीडिया पर भोजन की तस्वीरें साझा कर विरोध दर्ज कराया था, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। मरीजों के लिए बनाए जाने वाले भोजन में सुधार नहीं हुआ है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जच्चा-बच्चा को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार में भी गड़बड़ी की जा रही है, जिस पर अस्पताल प्रबंधन की कोई नजर नहीं है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में जो कर्मचारी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रहे हैं, उनसे तो कड़ी ड्यूटी ली जाती है, जबकि जो कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहते हैं या लापरवाह बने रहते हैं, उन्हें पूरी छूट दी गई है। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अस्पताल प्रबंधन पर किसका हाथ है, जो इतनी गंभीर शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिला चिकित्सालय की लगातार उजागर हो रही लापरवाहियां अब आम जनता के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो मरीजों की जिंदगी को खतरा और बढ़ सकता है।

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