बैकुण्ठपुर। कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर एसडीएम उमेश पटेल इन दिनों अपने सक्रिय कार्यशैली के लिए सुर्खियों में हैं। वे लगातार विभिन्न मामलों की जांच-पड़ताल के लिए धरातल पर पहुंचकर वास्तविक स्थिति का जायजा ले रहे हैं। चाहे भवन निर्माण पर रोक (स्टे) से जुड़े मामले हों या फिर अन्य राजस्व एवं प्रशासनिक प्रकरण, एसडीएम पटेल किसी भी निर्णय से पहले मौके पर जाकर स्वयं निरीक्षण करना आवश्यक समझते हैं।
जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में बैकुण्ठपुर तहसील क्षेत्र में कई मामलों में शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें राजस्व से संबंधित विवाद, अवैध निर्माण, भूमि सीमांकन एवं निजी आवेदनों से जुड़े मुद्दे शामिल थे। सामान्यतः इन मामलों में राजस्व अमले—पटवारी, आरआई एवं अन्य अधिकारी—अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हैं, जिनके आधार पर निर्णय लिया जाता है। लेकिन एसडीएम उमेश पटेल ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल कागजी कार्यवाही या रिपोर्ट के भरोसे निर्णय नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि “सत्य वही होता है जो धरातल पर दिखाई देता है, इसलिए हर विवादित या महत्वपूर्ण मामले का स्थल निरीक्षण आवश्यक है।”
सूत्रों के अनुसार, एसडीएम पटेल बीते कुछ दिनों में बैकुण्ठपुर क्षेत्र के कई ग्रामों का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने भवन निर्माण पर स्टे वाले मामलों में स्वयं पहुंचकर निर्माण की स्थिति का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश जारी किए। साथ ही, राजस्व विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की लापरवाही या अपूर्ण जानकारी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों में एसडीएम की इस कार्यशैली की सराहना की जा रही है। लोगों का कहना है कि वर्षों बाद ऐसा अधिकारी मिला है जो फाइलों में सीमित न रहकर सीधे जमीन पर उतर कर हकीकत जानते है। एसडीएम उमेश पटेल ने कहा कि उनका उद्देश्य प्रशासनिक पारदर्शिता और जनता को त्वरित न्याय दिलाना है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसी भी विवादित मामले में दोनों पक्षों की बात सुनने और वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। धरातल पर सक्रियता और पारदर्शी निर्णय प्रक्रिया से बैकुण्ठपुर प्रशासन की कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है, जिससे आम जनता में भरोसा बढ़ा है।



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