वाड्राफनगर/कोरिया। सूरजपुर जिले में पुलिस कार्रवाई के बाद ‘52 परियों’ के आशिकों का सरगना शमशेर खान अब अपने नए ठिकाने की तलाश में लग गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब शमशेर ने वाड्राफनगर क्षेत्र को अपना नया अड्डा बना लिया है। बताया जा रहा है कि वह अब बैकुंठपुर से नवनियुक्त बने अपने पार्टनर के साथ मिलकर वाड्राफनगर के घने जंगलों में अवैध ताश-जुए के कारोबार को संचालित कर रहा है। पिछले दो दिनों से इस क्षेत्र में लगातार देर रात तक ताश के खेल चलने की सूचना मिल रही है।
स्थानीय सूत्रों ने बताया कि वाड्राफनगर के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों और कुछ तथाकथित रक्षकों की मौन सहमति से यह अवैध गतिविधि खुलेआम संचालित हो रही है। यह कोई छुपा खेल नहीं है-स्थानीय ग्रामीणों को भी इसकी जानकारी है कि जंगलों में हर रात ‘जुड़े’ (ताश के अवैध खेल) का आयोजन किया जा रहा है। इसके बावजूद, कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है।
ज्ञात हो कि शमशेर का नाम पहले भी सूरजपुर जिले में चल रहे अवैध ताश-जुए के कारोबार में सामने आ चुका है। वहां लंबे समय तक उसने ‘52 परियों’ नाम से एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था, जिसमें कई बाहरी खिलाड़ी और एजेंट शामिल थे। जब इस जुए के अड्डे की खबरें मीडिया में आईं, तो सूरजपुर पुलिस अधीक्षक ने विशेष टीम गठित कर कार्रवाई की थी। कार्रवाई के बाद शमशेर और उसके सहयोगी फरार हो गए थे।
अब शमशेर ने अपनी गतिविधियों का दायरा बढ़ाते हुए वाड्राफनगर को नया ठिकाना बना लिया है। बताया जा रहा है कि इस बार उसके साथ बैकुंठपुर का एक नया पार्टनर भी जुड़ा है, जो इलाके में लोगों को बहला-फुसलाकर इस जाल में फंसा रहा है। दोनों मिलकर भोले-भाले ग्रामीणों और युवाओं को ताश के इस अवैध खेल में खींच रहे हैं। धीरे-धीरे उनकी जेबें खाली हो रही हैं और घर बर्बादी की कगार पर पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई परिवारों के लोग इस ताश के खेल में सब कुछ गंवा चुके हैं। “शमशेर और उसकी टीम लोगों को लालच देते हैं कि जल्दी पैसा कमाओ, लेकिन आखिर में सब कुछ हार जाते हैं,” एक स्थानीय ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया। वहीं सूत्रों का कहना है कि कुछ स्थानीय रक्षक दलों की जानकारी में यह पूरा खेल चल रहा है। बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अगर प्रशासन ने जल्द ही सख्त कार्रवाई नहीं की, तो यह अवैध जुए का नेटवर्क और फैल सकता है। क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि वाड्राफनगर के जंगलों में चल रहे इस अवैध जुए के अड्डे पर तुरंत छापेमारी की जाए और इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सवाल यह है कि सूरजपुर में जिस शमशेर का साम्राज्य पुलिस ने तोड़ दिया था, वही अब वाड्राफनगर में नए रूप में कैसे सक्रिय हो गया? क्या स्थानीय प्रशासन इसकी जानकारी के बावजूद मौन है? अगर ऐसा है तो यह सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं बल्कि आम जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। प्रशासन के लिए अब वक्त आ गया है कि वह इस अवैध खेल की गहराई में जाकर इसकी जड़ों को उखाड़ फेंके।




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