कोरिया/बैकुंठपुर। चिकित्सा क्षेत्र में समर्पण और मानवता का एक और उदाहरण बैकुंठपुर जिला अस्पताल में देखने को मिला, जब नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र चौहान ने अपनी तत्परता और अनुभव से एक मासूम बच्ची की जान बचा ली।
मिली जानकारी के अनुसार, जामपानी निवासी जगतपाल की दो साल छह महीने की बच्ची ने खेल-खेल में गलती से एक सिक्का निगल लिया, जिसके बाद परिजनों में हड़कंप मच गया। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी और वह लगातार रोने लगी। परिजनों ने तत्काल जिला अस्पताल बैकुंठपुर में संपर्क किया। घटना की जानकारी मिलते ही डॉ. योगेंद्र चौहान सर ने बिना किसी विलंब के तत्काल अस्पताल पहुंचकर आपातकालीन विभाग में बच्ची की जांच की और आवश्यक प्रक्रिया अपनाई।
डॉ. चौहान की विशेषज्ञता और शांतिपूर्ण कार्यशैली के चलते बच्ची के गले में फंसा सिक्का सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया, जिससे उसकी जान बच गई। इस पूरे प्रकरण में डॉ. दीपक सर, ड्रेसर शुभम गौतम और आपातकालीन विभाग के समस्त स्टाफ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने हर संभव सहायता प्रदान की।परिजनों ने राहत की सांस लेते हुए जिला अस्पताल के चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। वहीं, स्थानीय नागरिकों ने भी डॉ. योगेंद्र चौहान की संवेदनशीलता और तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने एक बार फिर अपने कर्तव्य और मानवता का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि यदि डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी को संवेदनशीलता से निभाएं, तो किसी भी संकट में इंसानियत की जीत तय है।



0 टिप्पणियाँ