कोरिया। जिला मुख्यालय में इन दिनों यातायात पूरी तरह अव्यवस्थित हो गया है। आए दिन जाम की स्थिति बनने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि चौक-चौराहों पर यातायात विभाग के कर्मचारी मौजूद रहते हैं, फिर भी स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है।
शहर में नो-एंट्री जोन का नियम केवल कागजों तक सीमित होकर रह गया है। इसके बावजूद बड़े-बड़े वाहन बेखौफ होकर शहर के बीचों-बीच से गुजरते हैं। इन वाहनों की वजह से जाम की स्थिति गंभीर हो जाती है और राहगीरों को घंटों फंसे रहना पड़ता है। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और आम लोगों को सबसे ज्यादा कठिनाई झेलनी पड़ती है। पिछले वर्ष कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम बैकुंठपुर और तहसीलदार बैकुंठपुर ने अभियान चलाकर बाजार क्षेत्र की सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराया था। उस समय कुछ हद तक यातायात सुचारू हुआ था, लेकिन अब हालात फिर से वैसे ही हो गए हैं। बाजार क्षेत्र और मुख्य सड़कों पर लगातार जाम लग रहा है। इतना ही नहीं, शासकीय कार्यों में उपयोग हो रही कई गाड़ियों की स्थिति भी नियमों के खिलाफ पाई जा रही है। कई वाहनों पर एचएसआरपी नंबर प्लेट तक नहीं लगी है, जिससे उनकी फिटनेस और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठ रहे हैं। ये वाहन अक्सर पीडीएस गोदाम से चावल लाने-ले जाने के काम में उपयोग किए जा रहे हैं। यदि इनमें से कोई बड़ा हादसा हो जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होगा। शहरवासियों का कहना है कि यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासन और पुलिस को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। बड़े वाहनों को शहर में प्रवेश से रोकने के लिए नो-एंट्री नियम का सख्ती से पालन होना चाहिए। वहीं, शासकीय गाड़ियों की जांच कर फिटनेस और नंबर प्लेट संबंधी नियमों को लागू करना जरूरी है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्रशासन और यातायात विभाग की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। आमजनों की मांग है कि जिला मुख्यालय में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए।
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