कोरिया। जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर में जनता की सुविधा के लिए बनाए गए सार्वजनिक शौचालय अब खुद कर्मचारियों की निजी संपत्ति बनते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि कार्यालय परिसर में बने शौचालयों पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने ताला जड़ दिया है। ऐसे में आमजन, विशेषकर महिलाएं, कार्यालय आने पर भारी असुविधा का सामना कर रही हैं।
जानकारी के अनुसार कलेक्टर कार्यालय में आने वाले महिला और पुरुष आगंतुकों की सुविधा के लिए प्रथम और द्वितीय तल पर अलग-अलग शौचालय बनाए गए थे। लेकिन अब इन शौचालयों को कर्मचारियों ने निजी उपयोग में ले लिया है। परिणामस्वरूप, आम जनता के लिए शौचालय उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। जबकि एक शौचालय की हालत बेहद खराब पाई गई, जो साफ-सफाई के अभाव में उपयोग लायक भी नहीं है।
यहां उल्लेखनीय है कि कलेक्टर परिसर नगर पालिका शिवपुर चरचा और नगर पालिका बैकुण्ठपुर, दोनों के बीच स्थित है। दोनों संस्थाएं चाहें तो बारी-बारी से सफाई कर्मचारियों को भेजकर शौचालयों की साफ-सफाई सुनिश्चित करा सकती हैं। लेकिन जिम्मेदार विभागों की उदासीनता और कर्मचारियों के मनमाने रवैये के कारण यह व्यवस्था केवल कागजों में सिमटकर रह गई है।
आमजनों की परेशानी का आलम यह है कि जब वे किसी काम से कलेक्टर कार्यालय पहुंचते हैं, तो उन्हें शौचालय उपयोग करने के लिए जगह तलाशनी पड़ती है। खासकर महिलाओं को इस स्थिति में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही समस्या महिला कर्मचारियों को भी झेलनी पड़ रही है, क्योंकि वे भी शौचालयों में तालेबंदी के कारण परेशान रहती हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए यह जरूरी है कि जिस सुविधा का निर्माण जनता के उपयोग के लिए किया गया है, उसे आमजनों के लिए सुचारु रूप से उपलब्ध कराया जाए। अन्य सरकारी दफ्तरों में साफ-सफाई को लेकर नोटिस चस्पा रहते हैं और नियमित रूप से सफाई भी होती है। लेकिन जिला कलेक्टर कार्यालय में ही यह व्यवस्था चरमराई हुई है, जो सवाल खड़े करती है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा प्रशासनिक दफ्तर होने के बावजूद यहां जनता की मूलभूत सुविधा तक की अनदेखी की जा रही है। प्रशासन यदि जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं देता है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। लोगों की मांग है कि शौचालयों से ताले हटाए जाएं और नगर पालिका मिलकर उनकी नियमित सफाई की जिम्मेदारी सुनिश्चित करे।
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