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बैकुंठपुर में रोटी बैंक रिक्शा की समस्या, दो महीने से नई रिक्शा की प्रतीक्षा

 


कोरिया। नगर में असहाय गौवंशों की सेवा हेतु संचालित रोटी बैंक रिक्शा आज गंभीर समस्या से जूझ रहा है। रोटी बैंक के माध्यम से प्रतिदिन शहर के अलग-अलग मोहल्लों से रोटी इकट्ठा कर बेजुबान पशुओं को खिलाया जाता है। लेकिन पुराना रिक्शा लगातार खराब हो जाने से यह सेवा प्रभावित हो रही है।

रोटी बैंक का संचालन करने वाले समाजसेवी ने जानकारी दी कि बैकुंठपुर नगर पालिका की सामान्या अध्यक्ष नविता शिवहरे (भाभी) ने दो माह पूर्व ही अध्यक्ष निधि से ₹1,00,000 देने की घोषणा की थी। वहीं भानु पाल भैया ने ₹30,000, पार्षद राहुल गुप्ता ने ₹50,000, अंकित गुप्ता (लवी भाई) ने ₹30,000 तथा पार्षद शिल्पी गुप्ता ने ₹20,000 अपने-अपने निधि से देने की सहमति दी थी। इन सभी राशि से एक नया बैटरी संचालित रोटी बैंक रिक्शा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव नगर पालिका को सौंपा गया। समाजसेवी का कहना है कि उन्होंने लगभग 20 से अधिक बार बैकुंठपुर सीएमओ व अकाउंटेंट से आग्रह किया, लेकिन अब तक कार्यवाही नहीं हो सकी। पुराने रिक्शे पर पहले ही ₹45,000 से अधिक खर्च मरम्मत में हो चुका है, फिर भी रोज नई-नई समस्या सामने आ रही है। रोटी कलेक्ट करने का काम लगातार बाधित हो रहा है। गौरतलब है कि बैकुंठपुर की पूर्व विधायक अंबिका दीदी जी के प्रयासों से पहले भी रोटी बैंक को एक रिक्शा उपलब्ध कराया गया था, जिसकी मदद से वर्षों से यह सेवा संचालित हो रही थी। वहीं, पूर्व श्रम मंत्री एवं वर्तमान स्थानीय विधायक भैया लाल रजवाड़ी ने छत्तीसगढ़ की पहली रोटी रिक्शा बैंक कोरिया में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। लेकिन अफसोस की बात है कि इतनी ऐतिहासिक पहल के बाद भी आज रोटी बैंक अपेक्षा की शिकार है और नई रिक्शा की राह देख रहा है। समाजसेवी बताते हैं कि वे रात 12 बजे तक शहर की गलियों में घूम-घूमकर रोटियाँ इकट्ठा करते हैं और उन्हें असहाय गौवंशों को खिलाते हैं। यह सेवा पूरी तरह नि:स्वार्थ भाव से की जाती है। नगर के लोगों का कहना है कि यह सेवा समाज के लिए प्रेरणादायक है, लेकिन रिक्शा खराब होने से व्यवस्था प्रभावित हो रही है। यदि जल्द नया रिक्शा उपलब्ध नहीं कराया गया तो गौवंशों को नियमित भोजन नहीं मिल पाएगा। समाजसेवी ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा – “मैं यह रोटियाँ अपने लिए नहीं बल्कि बेजुबान गौवंशों के लिए इकट्ठा करता हूँ। पूर्व में विधायक जी के प्रयास से सेवा निर्बाध रूप से चलती रही। अब फिर से निवेदन है कि नगर पालिका जल्द ही नया बैटरी रिक्शा उपलब्ध कराए ताकि सेवा रुक न सके।” जनता का मानना है कि जब नगर पालिका के अध्यक्ष व पार्षदगण स्वेच्छा से अपना पार्षद निधि देने को तैयार हैं, तो फिर नगर पालिका अधिकारी के द्वारा आनाकानी क्यों की जा रही है? यही नहीं, नगर पालिका अधिकारी के द्वारा लगातार देखा जा रहा है कि नगर में साफ-सफाई व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाएँ चरमराई हुई हैं। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला रोटी रिक्शा बैंक, जो एक मानवीय और प्रेरणादायी पहल है, उसके लिए अनावश्यक देरी और टालमटोल करना अधिकारियों की गैर-जिम्मेदाराना हरकत को उजागर करता है।

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