अम्बिकापुर। सरगुजा जिले में साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका अपना लिया है। अब ये ठग व्हाट्सएप के जरिए APK फाइल भेजकर लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर रहे हैं। इसके बाद बैंक खातों से अवैध रूप से रकम उड़ाई जा रही है। लगातार बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरगुजा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) आईपीएस राजेश कुमार अग्रवाल ने नागरिकों से विशेष सतर्क रहने की अपील की है।
कैसे काम करते हैं साइबर ठग
साइबर अपराधी आधार अपडेट, किसान योजना का लाभ, आरटीओ चालान भरने, LPG सब्सिडी या किसी सामाजिक/पारिवारिक कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र के नाम पर व्हाट्सएप पर APK फाइल का लिंक भेजते हैं।
जैसे ही व्यक्ति इस लिंक पर क्लिक करता है, उसका मोबाइल हैक हो जाता है।
मोबाइल में मौजूद बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड, OTP और निजी जानकारियां ठगों तक पहुंच जाती हैं।
इसके बाद वे आसानी से संबंधित व्यक्ति के खाते से रकम पार कर लेते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ये फाइलें अक्सर ग्रुप्स में वायरल की जाती हैं ताकि एक साथ कई लोगों को निशाना बनाया जा सके।
SSP की चेतावनी: इन बातों का रखें ध्यान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अग्रवाल ने कहा कि नागरिकों की लापरवाही ही ठगों की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने साइबर सुरक्षा को लेकर कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं—
अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें: अनजान नंबर या ग्रुप से आए APK फाइल को कभी डाउनलोड न करें।
ऑटो डाउनलोड बंद करें: व्हाट्सएप सेटिंग्स में ऑटोमैटिक डाउनलोड ऑप्शन ऑफ रखें।
टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करें: अपने व्हाट्सएप अकाउंट को सुरक्षित करें।
केवल आधिकारिक स्टोर से ऐप डाउनलोड करें: ऐप हमेशा गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से ही इंस्टॉल करें।
शिकायत दर्ज करें: किसी भी संदिग्ध गतिविधि या ठगी की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
नागरिकों से अपील
एसएसपी अग्रवाल ने कहा कि साइबर अपराध रोकने में जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने लोगों से सरगुजा पुलिस के साइबर जागरूकता अभियान से जुड़ने और आधिकारिक व्हाट्सएप चैनल (लिंक) पर अपडेट्स लेने की अपील की है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि—
"एक क्लिक आपकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को छीन सकता है। इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।"
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