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सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग बैकुंठपुर में भ्रष्टाचार का बोलबाला, अधिकारी के बेटे की शादी में बच्चों के हक का पैसा खर्च-सुत्र

 




कोरिया। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बैकुंठपुर में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का गढ़ बनता जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में फास्टर अधीक्षकों की काउंसलिंग में भारी अनियमितताएं सामने आई थीं, जिसकी खबरें पहले भी प्रकाशित हो चुकी हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

कहा जा रहा है कि विभाग का वास्तविक संचालन एक लिपिक के हाथों में है, जबकि अधिकारी केवल नाम मात्र के लिए पद पर मौजूद हैं। सप्लाई सामग्री से लेकर छात्रावास अधीक्षकों तक से ₹5000 की वसूली की जा रही है। यह सीधे-सीधे बच्चों के हक पर डाका डालने जैसा है।

सूत्र बताते हैं कि अधिकारी के बेटे की शादी के लिए करीब 3.5 लाख रुपये का कलेक्शन किया गया और यह राशि भी बच्चों के हक के पैसों से निकाली गई।

निर्माण कार्यों में घोटाले का अड्डा

जिले में छात्रावासों के मरम्मत कार्य से लेकर अन्य निर्माण कार्यों तक में भारी अनियमितता जारी है। ठेकेदारों द्वारा 32 से 38 प्रतिशत तक कटौती पर बिल पास कराए जा रहे हैं, जिससे गुणवत्ता का खुला खिलवाड़ हो रहा है। तकनीकी सहायकों की मौजूदगी के बावजूद वे केवल रिश्वत के दम पर कार्यों को हरी झंडी देते हैं।

हादसे का खतरा, राजस्थान की तर्ज पर आशंका

विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह राजस्थान के झालावाड़ में घटिया निर्माण के चलते दुर्घटना हुई थी, वैसा ही खतरा कोरिया जिले में मंडरा रहा है। अधिकांश कार्य जिला मुख्यालय से दूरस्थ क्षेत्रों में कराए जा रहे हैं, जिससे निगरानी की संभावना और भी कम हो गई है।

बड़े प्रोजेक्ट भी नहीं बचे

भ्रष्टाचार की मार से बड़े प्रोजेक्ट भी अछूते नहीं रहे हैं। पटना तहसील में हुए कार्यों के साथ-साथ 1 करोड़ 40 लाख की लागत से बना स्वामी आत्मानंद स्कूल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।

कुल मिलाकर, आदिवासी विभाग में भ्रष्टाचार और वसूली का आलम यह है कि बच्चों के भविष्य और सुरक्षा के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कब और कैसी कार्रवाई करता है।

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