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सीएमएचओ ऑफिस में वसूली और धमकियों का आरोप, चेतन सिन्हा को मूल विभाग भेजने की मांग तेज

 



रायपुर। राजधानी रायपुर के सीएमएचओ कार्यालय में कार्यरत सहायक ग्रेड-2 चेतन सिन्हा पर गंभीर आरोप लगे हैं। मूल रूप से राज्य कुष्ठ रोग इकाई, पंडरी में पदस्थ चेतन सिन्हा पर आरोप है कि वह अपनी ऊंची पहुंच और राजनीतिक संरक्षण के दम पर सीएमएचओ कार्यालय में वर्षों से जमे हुए हैं और यहां से वसूली का एक बड़ा रैकेट चला रहे हैं।




कर्मचारियों और सूत्रों के मुताबिक, चेतन सिन्हा कार्यालय में धौंस- पट्टी और डर के माहौल के जरिए कर्मचारियों से हजारों-लाखों रुपये की वसूली करता है। आरोप है कि अनुकंपा नियुक्ति और पदोन्नति के नाम पर 5 से 8 लाख रुपये तक की मांग की जाती है। नियम विरुद्ध दबाव डालकर नियुक्तियां और पदोन्नतियां कराने के भी आरोप सामने आए हैं।

महिला आयोग में भी मामला दर्ज, दबाव में दबा

सूत्र बताते हैं कि चेतन सिन्हा के खिलाफ महिला आयोग में भी एक प्रकरण दर्ज हुआ था, लेकिन ऊंची पहुंच के कारण मामला दबा दिया गया। आरोप है कि चेतन सिन्हा खुद को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और मंत्री टंक राम वर्मा का करीबी बताकर अधिकारियों और कर्मचारियों पर दबाव बनाता है।


कार्यालय में भय का माहौल

कई कर्मचारियों का कहना है कि सीएमएचओ कार्यालय में चेतन सिन्हा के कारण भय और असहजता का माहौल है। यहां तक कि वरिष्ठ अधिकारी भी उसके खिलाफ खुलकर बोलने से कतराते हैं। गोल बाजार थाना में भी चेतन सिन्हा के खिलाफ शिकायत दर्ज है।

मूल विभाग में भेजने की मांग

चेतन सिन्हा की मूल पदस्थापना कुष्ठ रोग विभाग में है, लेकिन वह वर्षों से सीएमएचओ कार्यालय में ही तैनात हैं। कर्मचारियों का कहना है कि कुष्ठ रोग के मरीजों की संख्या प्रदेश में बढ़ रही है, लेकिन चेतन सिन्हा अपनी जिम्मेदारियों से बचते हुए केवल वसूली के काम में लगे हैं। इसीलिए उन्हें तुरंत मूल विभाग में भेजने की मांग तेज हो गई है।


बड़ा सवाल

सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या मंत्री के नाम का इस्तेमाल कर कोई कर्मचारी कार्यालय में मनमानी कर सकता है? और क्या इस तरह के आरोपित व्यक्ति को संवेदनशील विभाग में बने रहने देना उचित है? अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

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