कोरिया। शिक्षा विभाग ने सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों हेतु नई समय-सारणी और गतिविधियों की रूपरेखा जारी की है। इस कैलेंडर के अनुसार अब विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास, कौशल शिक्षा, व्यावसायिक ज्ञान तथा शारीरिक गतिविधियों पर विशेष जोर दिया जाएगा।
समय-सारणी के मुताबिक, विद्यालय का समय सुबह 10:00 बजे से प्रारंभ होकर शाम 4:00 बजे तक रहेगा। प्रतिदिन की शुरुआत 15 मिनट की प्रार्थना सभा से होगी जिसमें राष्ट्रगान, माइंडफुलनेस एवं टीमवर्क पर चर्चा शामिल रहेगी। इसके बाद निर्धारित पीरियड्स में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत और शारीरिक शिक्षा जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे।
विशेष बात यह है कि सप्ताह में दो दिन बैगलेस डे घोषित किया गया है। इन दिनों विद्यार्थियों को किताब-कॉपी लाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उन्हें रचनात्मक गतिविधियों, जीवन-कौशल और व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रीय विशेषज्ञों को विद्यालय बुलाकर विद्यार्थियों को प्रायोगिक जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नई व्यवस्था में प्रत्येक विषय के लिए 40 से 45 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। उदाहरण के लिए हिंदी, अंग्रेजी और गणित को सप्ताह में चार दिन, संस्कृत को तीन दिन और सामाजिक विज्ञान को चार दिन पढ़ाया जाएगा। वहीं, व्यावसायिक शिक्षा और ICT (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) को भी सप्ताह में अलग-अलग दिनों पर शामिल किया गया है।
समय-सारणी में खेल और शारीरिक शिक्षा को भी विशेष महत्व दिया गया है। अंतिम पीरियड 50 मिनट का रखा गया है जिसमें खेल-कूद, योग, कला शिक्षा और ICT जैसी गतिविधियां होंगी। इससे विद्यार्थियों के मानसिक और शारीरिक संतुलन को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक पाठ या अध्याय समाप्त होने के बाद क्षमता आधारित लर्निंग आउटकम्स का मूल्यांकन किया जाएगा। शिक्षक बच्चों को लिखित और मौखिक दोनों प्रकार से मूल्यांकन कर उनकी प्रगति का आकलन करेंगे। इसके अलावा, शुक्रवार और शनिवार को बैगलेस डे रखा जाएगा जिसमें जीवन-कौशल, प्रायोगिक गतिविधियां और विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे।
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि विद्यालय स्तर पर स्थानीय व्यवसायी और विशेषज्ञों को आमंत्रित कर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि विद्यार्थी वास्तविक जीवन की समस्याओं को समझ सकें और उनका समाधान ढूंढने की कला सीख सकें। साथ ही विद्यार्थियों को अपने क्षेत्र विशेष का भ्रमण भी कराया जाएगा जिससे उन्हें व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो।
समय-सारणी के अनुसार, कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को अब नियमित पढ़ाई के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा (जैसे बुनाई, सिलाई, खेती, बागवानी, हस्तशिल्प आदि) से जोड़ा जाएगा। विभाग का मानना है कि इससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनमें रोजगारपरक कौशल भी विकसित होंगे।
इस नई पहल को शिक्षा विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। इससे विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में दक्ष होंगे, बल्कि जीवन कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर भविष्य में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी आगे बढ़ेंगे।
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