कोरिया। छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ (तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार) द्वारा अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन को शासन से मिले सकारात्मक संकेतों के बाद स्थगित कर दिया गया है। बुधवार 6 अगस्त को संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी कि शासन स्तर से उच्च अधिकारियों एवं मंत्री स्तर पर हुई चर्चा के बाद ठोस आश्वासन प्राप्त हुआ है। प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह आंदोलन केवल मांगों के लिए नहीं बल्कि राजस्व प्रशासन की गरिमा, मर्यादा और दीर्घकालिक सुधार की दिशा में एक पहल थी। इस दौरान हुई चर्चाओं में राजस्व मंत्री, सामान्य प्रशासन सचिव, राजस्व सचिव और भू-अभिलेख संचालक की उपस्थिति रही।
प्रमुख आश्वासन इस प्रकार हैं:
जब तक तहसीलों में आवश्यक मानव संसाधन, वाहन व संरचना की पूर्ति नहीं हो जाती, तब तक कार्य में शिथिलता को स्वीकार किया जाएगा। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अनावश्यक दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।
डिप्टी कलेक्टर पदोन्नति के लिए 50:50 अनुपात की बहाली पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
नायब तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा दिया जाएगा।
तहसीलों में स्थायी वाहन व्यवस्था हेतु नीति बनेगी।
ग्रेड-पे संशोधन पर समिति गठित कर समयबद्ध निर्णय लिया जाएगा।
निलंबन पर प्रस्तुत अभ्यावेदनों पर शीघ्र कार्रवाई होगी।
न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
सभी 17 सूत्रीय मांगों पर चरणबद्ध कार्यवाही की जाएगी।
संघ ने साफ किया कि हड़ताल का स्थगन किसी प्रकार की कमजोरी नहीं बल्कि रणनीतिक दृढ़ता और संवाद पर आधारित संघर्ष की जीत है। यदि निर्धारित समयावधि में समाधान नहीं हुआ तो संघ लोकतांत्रिक तरीके से पुनः निर्णायक कदम उठाएगा।
संघ समाधान के द्वार पर डटा हुआ है, संघर्ष को विराम नहीं दिया गया है।
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