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सीतापुर: ठेकेदार की लापरवाही से आदिवासी छात्र की मौत, गांव में आक्रोश

 


अंबिकापुर। सरगुजा जिले के सीतापुर ब्लॉक का ग्राम बगडोली एक बार फिर सुर्खियों में है। कुछ साल पहले हुए बहुचर्चित संदीप लकड़ा हत्याकांड की यादें ताज़ा करते हुए यहां एक नया मामला सामने आया है। सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार जिशान इराकी की लापरवाही से 16 वर्षीय आदिवासी छात्र नकुल सिंह की मौत हो गई।

करंट लगने से गई मासूम की जान

जानकारी के अनुसार ठेकेदार ने नाबालिग छात्र नकुल सिंह को जबरन बिजली मोटर पंप चालू करने के लिए कहा। इसी दौरान करंट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक नकुल अपने पिता को पहले ही खो चुका था और मां व बहन का सहारा बनकर घर चला रहा था। अब उसकी असमय मौत से गरीब परिवार पूरी तरह बेसहारा हो गया है।

20 हजार देकर मामले को दबाने की कोशिश

गांव वालों ने आरोप लगाया कि घटना के बाद ठेकेदार ने मृतक की मां को गुमराह करने की कोशिश की। महिला को 20 हजार रुपये थमा दिए गए और लाखों का लालच भी दिखाया गया। इतना ही नहीं, गांव के दबंगों ने महिला को बंधक बनाकर आवाज उठाने से भी रोका।

पुलिस पर लीपापोती का आरोप

ग्रामीणों ने सीतापुर पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि संदीप लकड़ा हत्याकांड की तरह इस मामले में भी पुलिस केवल खानापूर्ति कर रही है और दबाव में कार्रवाई टाल रही है।

अमरजीत भगत की चुप्पी पर चर्चा

पूर्व मंत्री और सीतापुर के पूर्व विधायक अमरजीत भगत की चुप्पी को लेकर भी ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि संदीप लकड़ा प्रकरण में आंदोलन का समर्थन करने वाले पूर्व मंत्री इस बार खामोश क्यों हैं? आरोप है कि ठेकेदार जिशान इराकी के राजनीतिक रिश्तों के चलते दबाव बनाया जा रहा है।

आदिवासी समाज में उबाल

गांव में गहरा आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या गरीब आदिवासी परिवार को बेटे की मौत पर न्याय मिलेगा, या फिर ठेकेदार के पैसे और राजनीतिक दबाव के चलते यह मामला भी दबा दिया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह संदीप लकड़ा हत्याकांड में पूरा आदिवासी समाज एकजुट होकर न्याय की लड़ाई लड़ा था, उसी तरह अब नकुल सिंह की मौत पर भी समाज को न्याय के लिए खड़ा होना होगा।

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