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रघुनाथपुर चौकी के पुलिसकर्मियों पर गाली-गलौज और मारपीट का आरोप, एसपी कार्यालय के बाहर ग्रामीणों ने की नारेबाजी, चक्काजाम की चेतावनी

 



अम्बिकापुर । जिले के रघुनाथपुर में पुलिस की कथित गुंडागर्दी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। कोंडागांव में तैनात सीएएफ जवान राजमल एक्का, उनके साथी और एक नाबालिग बच्चे के साथ रघुनाथपुर पुलिस चौकी के तीन पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से मारपीट की। घटना गुरुवार (7 अगस्त) देर रात की है, जब जवान छठी समारोह से लौट रहा था। नेशनल हाईवे-43 पर हाथियों के मूवमेंट के कारण रास्ता रोका गया था, तभी पुलिसकर्मियों ने जवान को गाली-गलौज के साथ पीट दिया। आक्रोशित ग्रामीण और पीड़ित के परिजन अगले दिन एसपी कार्यालय पहुंचे और एफआईआर की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की। दबाव बढ़ने पर एएसपी अमोलक सिंह ने दो आरक्षकों—उमेश खोटेया और अनिल बड़ा—को तत्काल लाइन अटैच कर जांच के आदेश दिए। तीसरे सादी वर्दी वाले पुलिसकर्मी की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने 16 अगस्त तक सख्त कार्रवाई नहीं होने पर NH-43 पर चक्काजाम और आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी तरफ यह घटना सरगुजा जिले में पुलिस की छवि पर गहरा धक्का है। ग्रामीणों का कहना है कि एक सीएएफ जवान, जो खुद सुरक्षा बल का हिस्सा है, के साथ इस तरह की बर्बरता पुलिस की मनमानी को दर्शाती है। बटवाही और दर्रीडीह में इस घटना को लेकर गुस्सा और आक्रोश चरम पर है। ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की है। 

यह है पूरा मामला 

कोंडागांव के कैंप फारेस्ट में तैनात सीएएफ जवान राजमल एक्का गुरुवार रात अपने एक साथी और एक बच्चे के साथ बाइक से रघुनाथपुर में आयोजित छठी समारोह में शामिल होने गए थे। रात करीब 10:30 बजे वे दर्रीडीह लौट रहे थे। रघुनाथपुर और बटवाही के बीच NH-43 पर दो हाथियों के मूवमेंट के कारण आवागमन रोक दिया गया था। वहां लोगों की भीड़ जमा थी, और जवान भी अपनी बाइक रोककर रुक गया। पीड़ित जवान ने बताया कि तभी रघुनाथपुर पुलिस चौकी की गाड़ी सायरन बजाते हुए मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों ने बिना वजह गाली-गलौज शुरू कर दी और जवान को बाइक समेत भागने को कहा। जब राजमल ने गाली देने से रोका, तो आरक्षक उमेश खोटेया, अनिल बड़ा और एक सादी वर्दी वाले पुलिसकर्मी ने उन पर हमला बोल दिया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने जवान, उनके साथी और नाबालिग बच्चे को भी नहीं बख्शा और बेरहमी से पिटाई की। रात में पीड़ित किसी तरह अपने घर दर्रीडीह लौट गए।

ग्रामीणों में आक्रोश, एसपी कार्यालय में हंगामा

घटना की जानकारी शुक्रवार सुबह दर्रीडीह और बटवाही के ग्रामीणों को मिली। आक्रोशित लोग बड़ी संख्या में एसपी कार्यालय पहुंचे और रघुनाथपुर चौकी के पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और सख्त कार्रवाई की मांग की। नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच एएसपी अमोलक सिंह ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की और त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद भीड़ शांत हुई। एसपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 8 अगस्त को आरक्षक उमेश खोटेया और अनिल बड़ा को लाइन अटैच कर दिया। तीसरे सादी वर्दी वाले पुलिसकर्मी की पहचान के लिए जांच शुरू की गई है। ASP अमोलक सिंह ने कहा, “दोनों आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया गया है। मामले की गहन जांच की जा रही है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

बटवाही में तनाव, चक्काजाम की चेतावनी

घटना के बाद बटवाही और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की इस दबंगई ने उनके भरोसे को तोड़ा है। उन्होंने मांग की है कि सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज हो और कठोर कार्रवाई हो। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर 16 अगस्त तक उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे NH-43 पर चक्काजाम करेंगे और बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे।

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