कोरिया। जिला चिकित्सालय में लापरवाही और अव्यवस्था का आलम चरम पर है। सोमवार की रात इलाज के दौरान तीन मरीजों की मौत हो गई, लेकिन इनकी डेड बॉडी सुबह तक अस्पताल में पड़ी रही। जिम्मेदार विधायक प्रतिनिधि और सांसद प्रतिनिधि मौके से नदारद हैं, जबकि सोशल मीडिया पर केवल पुराने सेवा भाव के फोटो डालकर दिखावा किया जा रहा है।
जिला अस्पताल की जमीनी हकीकत बद से बदतर हो चुकी है। यहां इलाज से ज्यादा निर्माण कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। जीवन दीप समिति के रुपयों का दुरुपयोग हो रहा है, और अधिकारी व स्थानीय विधायक का दबाव दिखाकर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन अपने दायित्वों से मुंह मोड़ रहा है। चिकित्सकों की भारी कमी है, रात में इमरजेंसी की स्थिति में इंजेक्शन लगाने वाला तक नहीं मिलता। जानकारी के अनुसार एमबीबीएस डॉक्टर भी बाहर चले गए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 9एम नामक दवा कंपनी, जिसकी कई बार खराब दवाओं की सप्लाई को रिजेक्ट किया जा चुका है, उसी कंपनी से अब भी दवा सप्लाई कराई जा रही है। हाल ही में जिला चिकित्सालय में फंगस लगी दवाएं सप्लाई में आई थीं, जो मरीजों के लिए खतरा और हादसे का एक कारण भी हो सकती हैं। एक दिन में तीन मरीजों की मौत ने जिला अस्पताल के हालात की पोल खोलकर रख दी है, लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं।
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