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अंधविश्वास के खिलाफ ‘मार्च फॉर साइंस’, 150 से अधिक छात्रों ने लिया हिस्सा

 




कोरिया। समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और अंधविश्वास, कुरीतियों तथा अंधविश्वासजन्य अपराधों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इंडिया मार्च फ़ॉर साइंस ऑर्गनाइजिंग कमिटी कोरिया और ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी कोरिया के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 25 अगस्त को मार्च फ़ॉर साइंस का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में चरचा के विभिन्न स्कूलों के करीब 150 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भाग लिया। आयोजन में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग और वृक्षारोपण की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।

वक्ताओं ने क्या कहा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्याख्याता एवं विज्ञान कार्यकर्ता कमल डडसेना ने कहा कि आज भी समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी के कारण पढ़े-लिखे लोग अंधविश्वास और पाखंड में फंस जाते हैं। उन्होंने कहा – “नरबलि, जादूटोना और टोनही के नाम पर महिलाओं और बुजुर्गों को प्रताड़ित करने जैसी घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं। समाज का समुचित विकास तभी संभव है जब वैज्ञानिक पद्धति को जीवनचर्या में अपनाया जाए।”

वहीं शिक्षक अमरनाथ सिंह और ताहिरा बानो ने कहा कि वैज्ञानिक सोच अपनाकर ही हम समाज को आगे ले जा सकते हैं।
शिक्षक सलीम कुमार और रवि द्विवेदी ने छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर अंजुलता द्विवेदी, ऋषभ शुक्ला, ब्रह्मानंद सहित अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।

शामिल हुए स्कूल

सेजेस चरचा

कन्या माध्यमिक शाला चरचा

माध्यमिक शाला बालक चरचा

स्वामी रामदास स्कूल चरचा

ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल

पीएम श्री प्राथमिक शाला चरचा


सरकार से रखी गई माँगें

आयोजन के दौरान सरकार से कई महत्वपूर्ण माँगें भी रखी गईं —

1. अंधविश्वास निवारण कानून (2005) को सख्ती से लागू किया जाए।

2. संविधान के अनुच्छेद 51 (क) को लागू कर अवैज्ञानिक सोच पर रोक लगाई जाए।

3. केंद्रीय बजट का 3% वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुसंधान और राज्य बजट का 10% शिक्षा पर खर्च किया जाए।

4. शिक्षा में किसी भी मत को वैज्ञानिक प्रमाणों के विपरीत न होने दिया जाए।

5. सभी सरकारी नीतियां साक्ष्य आधारित विज्ञान पर आधारित हों।

6. NCERT द्वारा हाई स्कूल पाठ्यक्रम से हटाए गए ‘डार्विन का विकासवाद सिद्धांत’ को पुनः शामिल किया जाए।

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