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टाइफाइड का कहर: जिला अस्पताल बैकुंठपुर में हालात बिगड़े, 150 बेड पर 200 मरीज भर्ती, गैलरी में भी लग रहे बिस्तर

ओपीडी हर दिन 500 पार, डॉक्टर-बेड की भारी कमी, एमसीबी जिले से भी आ रहे रेफर मरीज


कोरिया। बारिश का मौसम शुरू होते ही कोरिया जिले में मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ गया है। जिला अस्पताल बैकुंठपुर इन दिनों मरीजों से खचाखच भरा हुआ है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि अस्पताल प्रशासन को गैलरी और कॉरिडोर तक में बेड लगाकर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो हर दिन औसतन 450 से 500 मरीज ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं, 70 से 80 मरीज आईपीडी में भर्ती किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिला अस्पताल से भी 10-12 मरीज रोजाना कोरिया जिला अस्पताल में रेफर हो रहे हैं।

पीलिया से राहत, लेकिन टाइफाइड ने बढ़ाई चिंता


अस्पताल प्रशासन के मुताबिक राहत की बात यह है कि अब तक पीलिया के मरीज सामने नहीं आए हैं, लेकिन टाइफाइड, उल्टी-दस्त, डायरिया और सर्दी-जुकाम जैसे रोग तेजी से फैल रहे हैं। खासतौर पर टाइफाइड के केस लगातार बढ़ने से दवाइयों और जांच केंद्रों पर दबाव बढ़ गया है।

150 बेड पर 200 मरीज, गैलरी में चल रहा इलाज

कोरिया जिला अस्पताल में कुल 150 बेड की व्यवस्था है, लेकिन मौजूदा हालात में 200 तक मरीजों को भर्ती किया गया है। मजबूरी में गैलरी में बेड लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इससे साफ है कि बेड और डॉक्टर की कमी ने स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

एमसीबी जिले से रेफर मरीजों ने बढ़ाई मुश्किलें: सीएस

जिला अस्पताल के सीएस डॉ. आयुष जायसवाल ने बताया कि बारिश के बाद जलजनित बीमारियों में अचानक तेजी आई है। “अब तक पीलिया का एक भी मरीज नहीं मिला है। टाइफाइड, उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज ही सामने आ रहे हैं। ओपीडी और आईपीडी दोनों में दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है। खास परेशानी एमसीबी जिले से लगातार रेफर होकर आ रहे मरीजों की वजह से हो रही है,” उन्होंने कहा।


हालात चुनौतीपूर्ण, प्रशासन सतर्क

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीजों की बढ़ती संख्या और सीमित संसाधनों के बीच स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से साफ-सफाई और उबला हुआ पानी पीने की अपील की है।

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