कोरिया। नगर के हृदय स्थल पर स्थित राम मंदिर तालाब, जो कि वर्षों से धार्मिक आस्था, निस्तार और सामाजिक कार्यक्रमों का केंद्र रहा है, आज प्रशासनिक उपेक्षा और सफाई विभाग की लापरवाही का शिकार हो चुका है। हाल ही में सामने आईं तस्वीरों में तालाब की स्थिति देखकर हर जिम्मेदार नागरिक का सिर शर्म से झुक जाए। तालाब के चारों ओर फैली गंदगी, पानी में तैरते प्लास्टिक, कचरा, सड़े-गले खाद्य पदार्थ, और किनारों पर जमा मलबा और पॉलीथीन साफ तौर पर दिखा रहा है कि यहां न सफाई हो रही है, न निगरानी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि
"यहां करीब चार महीने से कोई नियमित सफाई नहीं हुई। न झाड़ू लगती है, न पानी की सफाई। हम लोग खुद पहले आधा घंटा कचरा हटाते हैं, फिर नहाते हैं या कपड़े धोते हैं।"
फोटो में साफ देखा जा सकता है कि तालाब के किनारे लगाए गए रैंप और सीढ़ियों पर भी कचरे के ढेर लगे हुए हैं। वहीं, पास में लगे रंगीन टेंट वाले बाजार क्षेत्र से निकलने वाला सारा कचरा तालाब में समा रहा है।
सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि यह तालाब उस जगह स्थित है जहां बैकुंठपुर की सबसे बड़ी छठ पूजा और अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं। बावजूद इसके नगर पालिका द्वारा यहां मात्र एक सफाई कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है, जो नियमित रूप से ड्यूटी भी नहीं करता। अन्य सफाईकर्मी यहां से गुजरते ज़रूर हैं, लेकिन किसी को तालाब की चिंता नहीं।
❝ फोटो खिंचवाने का तालाब बन गया है ❞
स्थानीय लोगों ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा –
"जब कोई कार्यक्रम आता है, तो नेता और जनप्रतिनिधि पांच मिनट झाड़ू लेकर फोटो खिंचवा लेते हैं, फिर वही गंदगी लौट आती है।"
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से सवाल
नगर पालिका की निगरानी व्यवस्था क्यों निष्क्रिय है?
क्या जनप्रतिनिधि केवल आयोजनों के दिन ही जागते हैं?
धार्मिक स्थलों की सफाई और सौंदर्यीकरण पर ध्यान कब दिया जाएगा?
ऊपर दी गई तस्वीरें साफ तौर पर तालाब की दुर्दशा और जिम्मेदारों की अनदेखी को दर्शाती हैं। कचरा पानी में तैर रहा है, सीढ़ियाँ गंदगी से भरी हैं और जनता को निस्तार से पहले खुद सफाई करनी पड़ रही है।
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