सूरजपुर। राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने सूरजपुर तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू जुगेश्वर राजवाड़े को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बाबू पर आरोप है कि उसने जमीन के नामांतरण (नामांतरण प्रमाण पत्र) के एवज में एक व्यक्ति से रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित व्यक्ति ने इसकी शिकायत एसीबी से की, जिसके बाद योजनाबद्ध तरीके से यह कार्रवाई की गई। जानकारी के अनुसार, शिकायत मिलते ही एसीबी ने मामले की प्रारंभिक जांच कर साक्ष्य जुटाए और फिर सूरजपुर तहसील कार्यालय में दबिश दी। जैसे ही बाबू जुगेश्वर राजवाड़े ने 25 हजार रुपये की रिश्वत ली, उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। यह कार्रवाई कार्यदिवस के दौरान हुई, जिससे तहसील कार्यालय और पूरे क्षेत्र में खलबली मच गई। कार्रवाई की पुष्टि तो अभी आधिकारिक रूप से नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार एसीबी ने आरोपी बाबू से पूछताछ शुरू कर दी है और इस बात की भी जांच की जा रही है कि इस मामले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता तो नहीं है। कुछ दस्तावेजों को भी जब्त किया गया है। इस कार्रवाई के बाद आम जनता में आक्रोश भी देखने को मिला और साथ ही एसीबी की कार्रवाई की सराहना भी हो रही है। लोगों का कहना है कि तहसील कार्यालय सहित राजस्व विभाग के अन्य कार्यालयों में काम के बदले रिश्वत मांगना आम बात हो गई है। वर्षों से लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पाती थी। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह कार्रवाई एक मिसाल बन सकती है, बशर्ते इसे एक शुरुआत मानकर आगे भी लगातार सख्त कदम उठाए जाएं। लोगों ने मांग की है कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए, डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जाए, और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को बख्शा न जाए।
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