Ticker

6/recent/ticker-posts

चिरमिरी: जंगलों और मैदानों में आशिकों का अड्डा या अवैध गतिविधियों का गढ़? प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल - सुत्र



चिरमिरी। चिरमिरी क्षेत्र के गांधी मैदान (नर्सरी क्षेत्र), किशनपुर जंगल और महुआरी दांड के घने जंगलों में इन दिनों एक अजीब सा माहौल देखने को मिल रहा है। जहां दिन ढलते ही कुछ खास जमावड़े लगते हैं, वहीं स्थानीय नागरिकों के अनुसार यह जगहें अब आशिक मिजाज युवाओं और संदिग्ध गतिविधियों का गढ़ बनती जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो यहां तिरपाल लगाकर एक ओर जहां जोड़े खुलेआम बैठते हैं, वहीं दूसरी ओर अवैध रूप से जुआ खेलने और ब्याज के काले धंधे का भी संचालन हो रहा है। यह सब कुछ जंगल की आड़ में और शहर के व्यस्त इलाकों से थोड़ी दूरी पर हो रहा है, जहां कानून और व्यवस्था की पहुंच न के बराबर है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से इन गतिविधियों में तेज़ी आई है। युवाओं का जत्था दिन में और खासकर शाम के समय जंगलों और मैदान की ओर रुख करता है, जहां बैठकों के बहाने कई बार आपत्तिजनक गतिविधियां भी देखी गई हैं।

अवैध जुए का खेल खुलेआम जारी है और इसमें भारी भरकम राशि का लेन-देन होता है। साथ ही, "सूदखोरों" द्वारा गरीब और जरूरतमंद लोगों को ब्याज पर पैसा देकर आर्थिक रूप से फँसाने की घटनाएँ भी सामने आ रही हैं। कई बार तो यह लेन-देन हिंसक विवादों में भी तब्दील हो जाते हैं।

प्रशासन है बेखबर या जानबूझकर अनदेखा कर रहा है?

प्रशासन की ओर से अब तक किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। न ही कोई नियमित गश्त की व्यवस्था की गई है और न ही इन इलाकों में सीसीटीवी या निगरानी की कोई व्यवस्था है। इससे अपराधियों और असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं।

स्थानीय जनता ने उठाई मांग

चिरमिरी के जिम्मेदार नागरिकों ने मांग की है कि इन इलाकों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए, संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगे और अवैध जुआ और सूदखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, गांधी मैदान, किशनपुर और महुआरी दांड जैसे स्थानों को सुरक्षित और पारिवारिक वातावरण वाला बनाया जाए।

क्या प्रशासन नींद से जागेगा या ये जंगल बनेंगे अपराधियों का सुरक्षित अड्डा?

अब देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन कब तक इन गतिविधियों पर चुप्पी साधे रहता है और क्या कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर ये इलाके असामाजिक गतिविधियों के लिए और भी उपयुक्त बनते जाएंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ