आईजी-एसएसपी के निर्देश के बाद एनडीपीएस एक्ट 27 के तहत कार्रवाई
चोरी, लूट और झगड़े में नशेड़ियों और बदमाशों के नाम आने पर बढ़ाया कार्रवाई का दायरा
अब सार्वजनिक रूप से नशाखोरी करने वालों को भी गिरफ्तार किया जा रहा
रायपुर। राजधानी में शराब-गांजा के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों पर कार्रवाई के साथ अब सार्वजनिक रूप से नशाखोरी करने वालों को भी गिरफ्तार किया जाने लगा है। सड़क, गार्डन या फिर अन्य स्थानों पर शराब पीते मिलने वालों के खिलाफ 36 सी के तहत कार्रवाई की जाती रही है। हर महीने ऐसे तीन सौ से चार सौ लोगों को पकड़कर कोर्ट में चालान पेश किया जा रहा है। अब गांजा पीने वाले भी पुलिस कार्रवाई के दायरे में लिए जा रहे हैं। दो दिनों में पुलिस ने सात लोगों को गांजा पीते पकड़ा है। उनके कब्जे से चिलम, गांजा, लाइटर आदि बरामद करके 27 एनडीपीएस एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया गया। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है। दरअसल चोरी और लूट के साथ लड़ाई-झगड़े में पुराने बदमाशों के साथ नशेड़ियों के शामिल होने का खुलासा हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि आबकारी एक्ट के साथ ही एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों के तहत यदि नशेड़ियों को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा तो उन पर दबाव बढ़ेगा। नशेड़ी सार्वजनिक जगहों पर नशाखोरी नहीं करेंगे या फिर नशा करने के बाद घरों से बाहर नहीं निकलेंगे।
नशेड़ियों से मोहल्लों-कॉलोनियों का माहौल खराब होने की शिकायतें
तकरीबन हर थाने में खासतौर पर दिन ढलने के बाद नशेड़ियों के उपद्रव, सड़कों पर गालीगलौज करने से माहौल खराब होने की शिकायतें मिलती रहती हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी ऐसी सूचनाएं हैं कि कुछ खास इलाके में अवैध नशे का कारोबार होता है। आईडी अमरेश गत दिनों समीक्षा बैठक रश मिरान एनडीपीएस एक्ट के विभिन्न प्रावधानों के तहत अवैध नशे के कारोबार से जुड़े लोगों और उन्हें सहयोग करने वालों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एनडीपीएस एक्ट में गांजा, चरस, चिट्टा, हेरोइन व अन्य नशे के लिए रकम उधार देने, वाहन देने, उसे खरीदने, रखने और इस्तेमाल करने वालों पर भी कार्रवाई का प्रावधान है। एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने सभी थानों को सार्वजनिक स्थलों पर नशाखोरी करके माहौल खराब करने वालों के खिलाफ नियमित रूप से और आम लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लेकर त्वरित कार्रवाई करने कहा है। इसके बाद दो दिनों में आजाद चौक, पुरानी बस्ती, डीडी नगर, सरस्वती नगर एवं टिकरापारा पुलिस ने पांच लोगों को गांजा पीते पकड़ा। जांच के दौरान एक युवक गांजा बेचते भी गिरफ्त में आया।
ऑनलाइन चाकू बेचने वाले भी हो चुके गिरफ्तार, अब इन्हें भेजा जेल
हाल ही में मंदिरहसौद पेट्रोल पंप में लूट-हत्याकांड में इस्तेमाल चाकू ऑनलाइन खरीदे जाने का खुलासा हुआ था। तब ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियों से जुड़े प्रमुख लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। मैनेजर, सुपरवाइजर जैसे छह आरोपियों को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया था। इस कार्रवाई के बाद अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बटनदार चाकू और नशे में इस्तेमाल होने वाली चीजें हटा ली गई हैं।
नारकोटिक्स एक्ट में एक साल तक की सजा का प्रावधान
27 एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को सार्वजनिक जगहों पर नशाखोरी करने और नशे का सामान बरामद होने पर एक साल तक की सजा हो सकती है। मामला थाने से जमानतीय भी नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने के केस में 36 सी आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई का नियम है और मामला जमानतीय है। पुलिस दो वर्षों से हर साल चार हजार से ज्यादा कार्रवाई 36 सी के केस में कर रही है। लेकिन थाने से आरोपियों को जमानत मिल जाने पर सार्वजनिक नशाखोरी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि गांजा, हेरोइन, चिट्टा, अफीम, एनडीएमए, ब्राउन शुगर जैसे प्रतिबंधित नशे का सामान बनाना या उत्पादन करना, भंडारण (रखना) करना, विक्रय करना और इस्तेमाल (उपभोग) करना सभी अपराध की श्रेणी में आते हैं।
एनडीपीएस एक्ट में हैं कई प्रावधान, उसी के तहत कार्रवाई
एनडीपीएस एक्ट में विभिन्न प्रावधान हैं। इसी के तहत सार्वजनिक तौर पर गांजा समेत अन्य प्रतिबंधित नशा करने वालों को कार्रवाई के दायरे में लाया जा रहा है। ऑनलाइन सामानों की बिक्री करने वाली कई कंपनियों ने पुलिस की नोटिस और कार्रवाई के बाद बटनदार चाकू और नशे की चीजों की विक्री छत्तीसगढ़ में बंद करने पर सहमति जताई है। पुलिस इन पर नजर रखे हुए है।
> 🗣️ "एनडीपीएस एक्ट में गांजा पीने पर 27 एक्ट के तहत 6 महीने से 1 साल की सजा का प्रावधान है। कई स्थानों पर नशेड़ियों के कारण महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग असहज महसूस करते हैं। कॉलोनियों व मोहल्लों में गांजा पीकर लोग हुड़दंग मचाते हैं। इन्हें सुधारने के लिए सीधे जेल भेजा जा रहा है।"
— डॉ. लाल उमेद सिंह, एसएसपी रायपुर
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