रायपुर। छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित स्कूल जतन योजना में हुए 1500 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर सरकार की गंभीरता पर सवाल खड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मामले में सभी जिलों के कलेक्टरों से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 15 महीने बीत जाने के बावजूद अब तक न तो कोई ठोस कार्रवाई हुई और न ही किसी अधिकारी को नोटिस भेजा गया है। यह मामला वर्ष 2022-23 में सामने आया था, जब स्कूलों के सौंदर्यीकरण, मरम्मत, रंगाई-पुताई और टाइल्स बिछाने जैसे कार्यों में बड़ी अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की शिकायतें आई थीं। जानकारी के अनुसार, ठेके बिना टेंडर के दिए गए, सामग्री बिना काम के खरीदी गई और भुगतान भी बिना सत्यापन के कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए 2024 की शुरुआत में कलेक्टरों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का संकेत दिया था। लेकिन अब तक न जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई हुई है।
विपक्ष का आरोप
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार पर घोटाले को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का आदेश केवल दिखावे का था। "अगर 15 महीने में भी कार्रवाई नहीं हुई, तो साफ है कि सरकार खुद इस भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है", विपक्ष के एक नेता ने कहा।
शिक्षा विभाग की चुप्पी
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। न तो किसी स्तर पर जवाबदेही तय की गई है, न ही पारदर्शिता के साथ जांच आगे बढ़ी है। अब देखना यह होगा कि क्या मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस मामले में दोबारा संज्ञान लेंगे या फिर यह घोटाला भी फाइलों की धूल में दफ्न होकर रह जाएगा।
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