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गोबर खरीदी बंद होने से बढ़ी सड़क पर आवारा पशुओं की संख्या, नगर पालिका की सफाई व्यवस्था भी लचर"


कोरिया।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोबर खरीदी योजना को बंद किए जाने के बाद से एक नई समस्या ने जन्म ले लिया है – सड़कों पर आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या। पहले जहां पशुपालक गोबर की बिक्री के लालच में अपने मवेशियों को घर पर बांधकर रखते थे, अब गोबर खरीदी बंद होते ही उन्होंने अपने पशुओं को खुला छोड़ दिया है। इसका परिणाम यह हुआ है कि बैकुण्ठपुर शहर की सड़कों पर आवारा गाय-बैलों का जमावड़ा आम नजारा बन गया है। नगर के प्रमुख मार्गों, गलियों और मोहल्लों में अब गोबर के ढेर देखे जा सकते हैं। बैकुण्ठपुर नगर पालिका क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सफाई कर्मचारी रोजाना उन्हीं गलियों से गुजरते हैं, लेकिन सड़कों पर फैले गोबर के ढेर को साफ करना उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं लगता। बरसात के मौसम में यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है – गीला गोबर सड़कों पर फिसलन बढ़ाता है और बदबू से माहौल दूषित हो रहा है। स्थानीय दुकानदारों और मकान मालिकों की मजबूरी यह है कि बारिश के समय जानवर उनके घर या दुकान के सामने शरण ले लेते हैं और वहीं गोबर कर जाते हैं। इससे बचने के लिए कई लोग घर के सामने रस्सी या बैरिकेड लगाकर मवेशियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह कोई स्थायी समाधान नहीं है। जनता की मांग है कि या तो गोबर खरीदी योजना को पुनः प्रारंभ किया जाए, जिससे पशुपालक अपने मवेशियों को नियंत्रित रखें, या फिर नगर पालिका पशु नियंत्रण और सफाई व्यवस्था को सख्ती से लागू करे। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो शहर की स्वच्छता और नागरिकों की सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ सकती हैं।

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