कोरिया। 14 मई 2025 को बैकुण्ठपुर एसडीएम कार्यालय का अचानक निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर कोरिया की फटकार के बाद आनन-फानन में कार्यालय की सूरत बदलने की कवायद शुरू हुई थी। कार्यालय में रंग-रोगन का कार्य करवाया गया, लेकिन इस कार्य के दो महीने बीत जाने के बावजूद रंगाई-पुताई में इस्तेमाल की गई सामग्री अब तक वहीं की वहीं पड़ी है। सबसे बड़ी लापरवाही यह है कि रंग-रोगन के दौरान फोटो खींचने हेतु उपयोग में लाया गया घोड़िया (स्टूल/प्लेटफॉर्म) अब भी एसडीएम कार्यालय के बरामदे में फेंका हुआ पड़ा है। यह दृश्य न सिर्फ सरकारी संपत्ति के प्रति उदासीनता को उजागर करता है, बल्कि कार्यालय के कर्मचारियों और पीडब्ल्यूडी विभाग की गैरजिम्मेदारी का भी प्रतीक बन चुका है। स्थानीय लोगों और कार्यालय आने वाले नागरिकों का कहना है कि सरकारी सामान को इस तरह लावारिस छोड़ देना पैसे और संसाधनों की बर्बादी है। न तो पीडब्ल्यूडी के किसी कर्मचारी ने अब तक यह घोड़िया वापस ले जाने की जिम्मेदारी ली, और न ही एसडीएम कार्यालय के किसी अधिकारी ने इस ओर कोई ध्यान दिया। यह स्थिति इस बात की ओर भी संकेत करती है कि शायद यह शासकीय संपत्ति है, इसलिए किसी को इसकी परवाह नहीं। सवाल उठता है कि जब रंग-रोगन जैसे छोटे कार्यों के बाद की सफाई और समापन प्रक्रिया में इतना ढीलापन है, तो अन्य गंभीर प्रशासनिक कार्यों में कितनी पारदर्शिता और तत्परता बरती जा रही होगी?अब देखना होगा कि प्रशासन इस लापरवाही पर क्या रुख अपनाता है और जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया जाता है या नहीं।
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