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वार्ड क्रमांक 19 में लगा डस्टबिन 15 दिनों में गायब, जनता में रोष नपा का हाल बेहाल - जिला अधिकारी कलेक्टर कोरिया से क्यों बोलते है सफेद झुठ



कोरिया। बैकुण्ठपुर नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 19 में 28 जून 2025 को लगाया गया कचरा डस्टबिन महज 15 दिनों के भीतर या तो उखाड़ कर फेंक दिया गया या टूट गया। यह डस्टबिन दो स्टैंड सहित 7500 रुपये में लगाया गया था, जबकि रायपुर में यही 30 लीटर का डस्टबिन थोक में एक मात्र 464 रुपये में उपलब्ध है। नगर पालिका द्वारा डस्टबिन की खरीद "जेम पोर्टल" से की गई बताई गई है, लेकिन यदि जेम पोर्टल में कीमतें बाजार से चार गुना अधिक हैं, तो यह गंभीर जांच का विषय है। यह कोई पहला मामला नहीं है—ग्राम पंचायतों में खरीदे गए कंप्यूटर भी बाजार मूल्य से कहीं अधिक दर पर खरीदे गए हैं। आम नागरिकों के टैक्स से हो रही इस बर्बादी पर लोगों में गहरी नाराज़गी है। 

साप्ताहिक बैठक में अधिकारी ने कलेक्टर से बोला झूठ, खुल गई अधिकारी की फोल

मंगलवार को आयोजित साप्ताहिक बैठक के दौरान एक अधिकारी ने कलेक्टर कोरिया के समक्ष यह कह दिया कि उन्होंने शिकायतकर्ता से फोन पर संपर्क किया था और उनसे पुष्टि की थी कि उन्होंने शिकायत की है या नहीं। लेकिन बाद में यह बात पूरी तरह झूठ निकली। शिकायतकर्ता को कोई फोन ही नहीं आया था। जब यह स्पष्ट हो गया तो संबंधित अधिकारी ने सफाई दी कि "मेरे कर्मचारी ने पूछा था।" सवाल यह है कि जब अधिकारी स्वयं कॉल नहीं करते, फिर भी कलेक्टर जैसे आईएएस अधिकारी के सामने झूठ बोलने की नौबत क्यों आती है? यह प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

शिकायतकर्ता झुठे या फिर अधिकार शिकायतकर्ता की शिकायत पर क्यों होती है कार्यवाही

इनदिनों लगातार जिला अधिकारी कलेक्टर को झुठ बोल रहे है कि शिकायतकर्ता है ही नही जबकि शिकायतकर्ता स्वयं अपर कलेक्टर के समक्ष बयान दिया है की वह जीवित है। सुत्रों की माने तो अधिकारी नें 15 जुलाई को एक अधिकारी ने पुनः वही गलती दोहरा दी और कलेक्टर के सामने कह दिया की मै शिकायतकर्ता से बात किया हूं लेकिन कुछ देर बाद ही यह बात झुठी निकली। अधिकारी से सत्यापन किया गया तो अधिकारी ने कहा की मेरे कर्मचारी ने बात की है जब कर्मचारी ने बात की तो अधिकारी ने भरी सभा मे क्यों कलेक्टर से बोल गए की मै स्वयं शिकायतकर्ता से बात किया हूं। शिकायतकर्ता की शिकायत पर दर्जनों कार्यवाहिया हो चूकि है फिर भी अधिकारियों का कहना झुठी है शिकायते यदि झुठी है तो जांचकर्ता उच्य अधिकारी भी है झुठे।


आडियो अधिकारी तक पहूंचते ही दस मिनट में हुआ आवेदक का कार्य पहले लग रहा था 25 हजार

कोरिया जिले में इन दिनों लगातार अधिकारियों के भ्रष्टाचार वह रिश्वत के मामले सामने आ रहे हैं कभी भी अन्य जिलों की तरह एसीबी की टीम कोरिया जिले में भी पहुंच सकती है और एक बार फिर कोरिया जिला भ्रष्टाचार वह रिश्वत के मामले में प्रदेश में सुर्खियां बटोरता फिरेगी। एक ताजा मामले में आवेदक की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई जिसमें वह ₹14000 और ₹25000 का जिक्र कर रहा था जैसे ही इसकी भनक संबंधित अधिकारी तक पहुंची वैसे ही आवेदक का काम महज 10 मिनट में ही हो गया और कई ऐसे मामले हैं जो 10 महीने तक चल रहे हैं लेकिन उनका कोई निराकरण नहीं हो सका है क्या कोरिया जिला इसी प्रकार एसीबी के हत्थे कर्मचारी या अधिकारी चढ़े और फिर सुर्खियां बटोरने की चाहत रखते है।

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