सूरजपुर । जिले के ग्राम दतिमा में प्रस्तावित अंडरग्राउंड कोल माइंस परियोजना के खिलाफ ग्रामीणों ने एकजुट होकर तीखा विरोध जताया है। मंगलवार को जम्बूरी ग्राउंड में आयोजित पर्यावरणीय जनसुनवाई का स्थानीय लोगों ने बहिष्कार कर दिया, जिसके चलते अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा। श्री सीमेंट को आवंटित इस कोयला खदान परियोजना के विरोध में क्षेत्र के पक्ष-विपक्ष के नेता भी ग्रामीणों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए। आपकों बताते चलें कि दतिमा कोल माइंस परियोजना से न केवल दतिमा, बल्कि आसपास के गांव राई, लक्ष्मणपुर, खरसुरा, कुम्दा बस्ती और गांगीकोट भी प्रभावित होंगे। जनसुनवाई के दौरान पर्यावरण संरक्षण विभाग के अधिकारियों के सामने ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपने इलाके में कोयला खदान स्वीकार नहीं करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र कृषि प्रधान है, जहां आदिवासी समुदाय के लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं। खेती ही उनकी आजीविका का प्रमुख साधन है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि कोयला खदान के शुरू होने से उपजाऊ कृषि भूमि को भारी नुकसान होगा, जिसका सीधा असर उनकी आजीविका और पर्यावरण पर पड़ेगा। एक स्थानीय निवासी दीपक जायसवाल ने कहा, हमारी जमीन हमारी मां है। इसे नष्ट होने नहीं देंगे। खदान से न सिर्फ हमारी आजीविका छिन जाएगी, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर खतरा होगा।विरोध के दौरान ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांग को बुलंद किया। क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नेताओं ने भी ग्रामीणों की मांग का समर्थन करते हुए परियोजना को रद्द करने की मांग की। इस घटना ने एक बार फिर विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच टकराव को उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी जमीन और आजीविका की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे।
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