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जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को नही है सुचना के अधिकार अधिनियम की परवाह, धज्जियां उडाने मे माहिर उद्यानिकि विभाग प्रथम


कोरिया। कोरिया जिले के जिम्मेदार अधिकारी सुचना के अधिकार अधिनियम की धज्जियां उडाने मे माहिर है, खासकर बैकुण्ठपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय मे, जिला कलेक्टर कार्यालय से जारी पत्र का तक जवाब एसडीएम कार्यालय को प्राप्त होता है तो आवेदक को जानकारी नही दी जा रही है, इसके पहले भी खबरों के लगातार प्रकाशन के बाद आवेदक को जानकारी रीडर के द्वारा प्रदान की गई थी। आपको बता दें कि एसडीएम कार्यालय मे पदस्त कर्मचारी की कलेक्टर कोरिया से शिकायत के बाद भी कार्यवाही नही हो रही है, अधिवक्ता के द्वारा की गई शिकायत पर कार्यावाही नही हुई तो आप समझ सकते है की आम जनों की शिकायत पर क्या कार्यवाही होगी। सुत्रों की मानें तो शिकायत के आधार पर अभी कई कर्मचारियों का दबादला किया गया है लेकिन जिन कर्मचारियों का वास्तव में शिकायत है जिन कर्मचारियों के लिए अधिकारी के द्वारा भी पत्र जारी किया गया है ऐसे कर्मचारियों का तबादला या संबंधित विभाग में नहीं भेजा गया किंतु जो कार्य कर रहे हैं ऐसे लोगों का तबादला कर जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा है।

सुशासन तिहार व जन शिकायत पोर्टल मे शिकायत लेकिन कार्यवाही नही

जिला प्रशासन के द्वारा सुशासन तिहार मे पहूंचे आवेदनों पर लगभग कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है कुछ आवेदन बचे हैं शायद उन पर कार्यवाही अब इस मन हो सकती है लेकिन वही मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल में आवेदक के द्वारा शिकायत की गई थी जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा 29 अप्रैल 2025 को पत्र जारी किया गया था कि संबंधित कर्मचारियों को शिक्षा विभाग के मूल पद पर वापस भेजा जाए लेकिन मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत की आवेदन पर अधिकारी के पत्र पर एक अधिकारी के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं किया जाना जिला प्रशासन के कार्य प्रणाली को साफ दर्शा रहा है। वहीं शिकायत पोर्टल में ऋतु साहू सहित उद्यानिकि विभाग के अधिकारी विनय त्रिपाठी की भी शिकायत हुई है, शिकायत हुए एक माह से अधिक समय हो गया लेकिन अब तक जांच अधिकारी न्यूक्ति नही हो सके है, जबकि साप्ताहिक बैठक मे कलेक्टर कोरिया ने अधिकारी को निर्देशित किया है की जांच जल्द पूरी की जाए। जबकि नियमानुसार मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत होने के 21 दिन बाद आवेदक को जानकारी दिया जाना होता है कि उसके आवेदन पर क्या कार्यवाही हुई है लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री के नियमों को भी दरकिनार कर अपना नियम लागू किया जाता है यह चरितार्थ कोरिया जिले में हो रहा है।

ग्राम पंचायत के सचिव के खिलाफ हुई भ्रष्टाचार की शिकायत में अब तक जांच नहीं जांच अधिकारी पर उठते सवाल



शिकायतकर्ता के द्वारा ग्राम पंचायत कटकोना के सचिव गणेश राजवाडे एवं ग्राम पंचायत तलवापारा के सचिव बृजेश साहू के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय सीएम पोर्टल में शिकायत की गई है लगभग नौ माह के बाद भी अब तक कार्यवाही नहीं की गई यह सबसे बड़ा सवाल है की क्या वास्तव में जिला प्रशासन के द्वारा भ्रष्टाचारियो को सह दिया जा रहा है, थबकि कटकोना के ग्राम सचिव के खिलाफ शियात सिद्ध भी हो गया है लेकिन वह सत्तादल के जनप्रतनिधि के सम्पर्क मे है हो सकता है इसलिए केवल नोटिस देकर ही ग्राम पंचायत सचिव को बचा लिया गया, वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार एक बैठक मे नशे मे पहूंचे ग्राम पंचायत सचिव को बिना नोटिस दिए ही निलंबित कर दिया गया, आखिर ऐसा क्यों हुआ कि जिसके ऊपर शिकायत थी और जांच में दोषी पाया गया उसे नोटिस देकर बचा लिया गया तो वही एक को बिना नोटिस दिए ही निलंबित कर दिया गया। 

जिले में सूचना के अधिकार अधिनियम जिले में बना मजाक



कोरिया जिले मे ऐसे कई विभाग हैं जहां सुचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त आवेदनों का कोई महत्व नही है, जिले के ऐसे कार्यालय जो शासन प्रशासन के नियम नही अपने नियमों का पालन करते है जिम्मेदार अधिकारी भी जानकर अंजान बने हुए है, ग्राम पंचायत तलवापारा, ग्राम पंचायत कटकोना, ग्राम पंचायत ओडगी, सहायक संचालक आदिवासी विकास विभाग, सहायक संचालक उद्यानिकि, जिला कलेक्टर कार्यालय मे आवेदकों के शिकायत लिये जा रहे है लेकिन कार्यवाही व जानकारी आवेदकों को नही मिल रही है, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैकुण्ठपुर, तहसील कार्यालय बैकुण्ठपुर इन कार्यालयों मे जन सुचना अधिकारियों को सुचना के अधिकार के तहत प्राप्त आवेदनों को आवेदकों के द्वारा दिये सामान्य आवेदनों की तरह प्रतिक्रिया दी जा रही है। एसडीएम कार्यालय बैकुण्ठपुर मे तो सुचना के अधिकार अधिनियम 2005 का हाल और बुरा बना दिया गया है, यहां प्रथम अपिलिय अधिकारी के पत्र का जवाब देना उचित नही समझा जा रहा है, प्राप्त जानकारी के अनुसार ऋटी सुधार, व्यपवर्तन, अनुमति, मामलों को ओनलाईन करने तक के लिए चढावा चढाना पडता है, पर्याप्त कर्मचारी रहने के बाद भी निर्वाचन विभाग के कर्मचारी से ऋटी सुधार जैसे गंभीर मामलो के प्रकरण देखे जा रहे है, अनुविभागीय अधिकारी को जानकारी होने के बाद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नही की जा रही है। शिकायत के संबंध मे जानकारी मांगने पर समय का आभाव बता दिया जाता है। 

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